अतुल्य भारत का अद्भुत इतिहास-भाग 8
-सौ. भक्ति सौरभ खानवलकर
-कोलंबिया, साउथ कैरोलिना, यू. एस. ए.
'अतुल्य भारत का अद्भुत इतिहास' के आठवें भाग में आज हम बात करेंगे अजंता की गुफाओं की। अजंता की गुफा महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद शहर से लगभग 105 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अजंता की प्राचीन गुफाएं भारत में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले पर्यटक स्थलों में से एक हैं जो भारतीय गुफा कला का सबसे महान जीवित उदाहरण है। यह गुफाएं, एलोरा गुफाओं की तुलना में भी काफी पुरानी हैं। अजंता की गुफाएं वाघुर नदी के किनारे एक घोड़े की नाल के आकार के चट्टानी क्षेत्र को काटकर बनाई गई हैं। इस घोड़े के नाल के आकार के पहाड़ पर 26 गुफाओं का एक संग्रह है। इन सभी गुफाओं की खुदाई लगभग U-आकार की खड़ी चट्टान पर की गई है जिसकी ऊंचाई लगभग 76 मीटर है। इन गुफाओं को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है। इन गुफाओं की कलाकारी और सुंदरता अद्भुत है।
अजंता की गुफाएँ बौद्ध गुफा स्मारक हैं जो कि दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर लगभग 480 ई.पू. से स्थित हैं। यह गुफाएँ अजंता नामक गाँव के पास स्थित हैं। अजंता की गुफाएं मुख्य रूप से बौद्ध गुफाएं हैं, जिसमें बौद्ध धर्म की कला कृतियाँ हैं। इन गुफाओं का निर्माण दो चरणों में हुआ है। पहले चरण में सातवाहन और इसके बाद वाकाटक शासक वंश के राजाओं ने इसका निर्माण करवाया। पहले चरण की अजंता गुफाओं का निर्माण दूसरी शताब्दी के समय हुआ था और दूसरे चरण की गुफाओं का निर्माण 460-480 ईसवी में हुआ था। पहले चरण में 9, 10, 12, 13 और 15 A की गुफाओं का निर्माण हुआ था। दूसरे चरण में 20 गुफा मंदिरों का निर्माण किया गया। पहले चरण को गलती हीनयान कहा गया था, इसका सम्बन्ध बौद्ध धाम के हीनयान मत से है। इस चरण की खुदाइयों में भगवान् बुद्ध को स्तूप से संबोधित किया गया है। दूसरे चरण की खुदाई लगभग 3 शताब्दी के बाद की गई। इस चरण को महायान चरण कहा गया। कई लोग इस चरण को वतायक चरण भी कहते हैं। जिसका नाम वत्सगुल्म के शासित वंश वाकाटक के नाम पर पड़ा है।
इन गुफाओं में प्राचीन चित्रकला और मूर्तिकला का बेहतरीन नूमना देखने को मिलता है जिसे भारतीय चित्रकला कला और मूर्ति की कलाकारी का सबसे बेहतरीन उदाहरण माना जाता है। अजंता की गुफाएँ बौद्ध युग के बौद्ध मठ या स्तूप हैं। यह वो जगह है जहाँ बौद्ध भिक्षु रहा करते थे इसके साथ वो यहां अध्ययन और प्रार्थना करते थे। अजंता की गुफाओं का नाम भारत में सबसे ज्यादा देखें जाने वाले पर्यटन स्थल में आता है। यहाँ हर साल बड़ी संख्या में लोग आते हैं। अजंता की गुफाओं के चैत्य गृह में सुंदर चित्र, छत और बड़ी खिड़कियां हैं। पहले खुदाई में मिली गुफाएं दक्कन में पाई जाने वाली गुफाओं कोंडेन, पिटालखोरा, नासिक की तरह है। इन गुफाओं को बनाने का दूसरा चरण चौथी शताब्दी में शुरू हुआ था जो वताको के शासन के समय बनाई गई थी। यह गुफाएं सबसे खूबसूरत और कलात्मक थीं। इस चरण की गुफाओं में ज्यादातर पेंटिंग का काम किया गया था। सैकड़ों साल पुरानी यह गुफाएं इतनी मनमोहक हैं कि इन्हें देखने का आनंद देखते ही बनता है। है ना! 'अतुल्य भारत का अद्भुत इतिहास'।
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