Monday, 24 February 2020

आज का कर्म ही आपका भविष्य तय करेगा | Hindi

आज का कर्म ही आपका भविष्य तय करेगा


-सौ भक्ति सौरभ खानवलकर
-कोलंबिया, साउथ कैरोलिना, यू. एस. ए.


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This title means 'Your future depends on the work that you do in your present'. This is a short moral story for kids in Hindi. By this story they will learn to do hard work which will give positive and effective  results in their future.

       एक बार एक गांव में बहुत ही भयंकर अकाल पड़ा था। उस गांव के किसान हर रोज इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए पूजा पाठ और हवन किया करते थे। दिनभर की पूजा पाठ के बाद शाम को एक पेड़ के नीचे सभी किसान इकट्ठा होकर इस अकाल से कैसे मुक्ति मिले या इसको दूर करने का क्या तरीका अपनाया जाए पर चर्चा करते थे। अचानक ही एक किसान को याद आया कि मंगू नामक एक किसान कई दिनों से ना ही पूजा पाठ और हवन में आ रहा है और ना ही शाम की इस चर्चा में। सब यह सोच रहे थे कि शायद हो सकता है वह शहर चला गया हो कुछ पैसे कमाने के लिए या फिर वह कहीं बीमार तो नहीं है। फिर भी सब ने यह सोचा कि अगले दिन उसके घर जाकर उसके बारे में पूछते हैं।
जब सभी किसान अगले दिन उसके घर पहुंचे तो मंगू के बेटे ने बताया कि उसके पापा तो खेत पर काम करने गए हैं। यह सुनकर सभी को बड़ा आश्चर्य हुआ। सभी आपस में बात करने लगे कि इस अकाल में खेत में जाकर मंगू क्या काम कर रहा है। सभी ने सोचा उसके खेत पर जाकर हम उसी से पूछ लेते हैं। जब सब मंगू के खेत पर पहुंचे तो उन्होंने देखा मंगू अपने खेत के पास की एक ज़मीन पर गड्ढा खोद रहा है। सभी ने मंगू से पूछा कि यह तुम क्या कर रहे हो? हम बारिश के लिए रोज हवन पूजन कर रहे हैं और तुम यहां गड्ढा खोद रहे हो। मंगू ने कहा अभी बारिश नहीं हो रही है तो क्या, जब भी बारिश होगी मेरे इसी गड्ढे में पानी जमा होगा जिससे मैं खेती करूंगा। सभी को मंगू की यह बात कुछ अजीब सी लगी और सब ने यह सोचा कि अकाल के कारण खेती नहीं होने से मंगू की मानसिक अवस्था बिगड़ गई है। सब वहां से वापस चले गए।
उस रात अचानक जो़रों से बादल गरजने लगे, बिजलियां चमकने लगीं और कुछ समय के लिए ही ज़ोरदार बरसात हुई। बरसात इतने कम समय के लिए थी कि वह पानी खेत की ज़मीन को उपजाऊ बनाने के लिए पर्याप्त नहीं था। अगली सुबह सब अपने खेत पर यह सोचकर पहुंचे की बरसात से खेत की ज़मीन थोड़ी उपजाऊ हो गई होगी जिससे कि थोड़ी बहुत खेती की शुरुआत की जा सके लेकिन सब ने वहां पहुंच कर देखा सभी खेत वैसे के वैसे ही सूखे थे लेकिन मंगू की खेत की जमीन उपजाऊ थी जिस पर वह खेती कर रहा था। उसने जो गड्ढा खोदा था वह तालाब की तरह पानी से लबालब भरा हुआ था जिसका उपयोग वह अपने खेत को जोतने के लिए कर रहा था। सभी गांव वालों ने मंगू की इस होशियारी के लिए उसे शाबाशी दी।

शिक्षा- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जो भी काम हम आज यानी कि हमारे वर्तमान में करेंगे वही हमारा भविष्य निश्चित करेगा। कहते हैं ना जो बोओगे वही काटोगे। इसीलिए वर्तमान में अच्छे काम करते रहो तभी आपका भविष्य उज्ज्वल बनेगा।



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