जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है
-सौ.
भक्ति
सौरभ खानवलकर
-कोलंबिया,
साउथ
कैरोलिना,
यू.
एस.
ए.
दोस्तों! सही कहते हैं, यदि कोई वस्तु हमारे पास होती है तो हमें उसकी कद्र नहीं होती और वह वस्तु जब हमसे दूर होती है तब हमें एहसास होता है कि उस वस्तु का हमारे जीवन में या हमारे लिए कितना महत्व है। ठीक उसी तरह हमारी मातृभूमि, हमारी जननी, हमारा देश हमारे लिए क्या मायने रखता है या उसका हमारे जीवन में क्या महत्व है यह तो उससे दूर जाने पर ही ज्ञात होता है। हमारे भारतवर्ष की महानता किसी दूसरे देश में जाने पर ही समझ में आती है। सच भारत अतुल्य है|
हमारा
प्यारा भारत देश अत्यंत प्राचीन
संस्कृति वाला एक महान व सुंदर
देश है। यह एक ऐसा पावन देश है
जहां देवी-देवताओं
ने भी जन्म लिया है। यह देश
किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
क्या खूब कहा गया है,
"जननी
जन्मभूमि स्वर्ग से महान है"।
भारत देश संसार का शिरोमणि
है। प्राकृतिक दृष्टि से यह
सबसे अनूठा है। छः ऋतुएं
बारी-बारी
से आकर इसका श्रृंगार करती
रहती हैं। ऐसा लगता है मानो
स्वयं पृथ्वी ने इसे अपने
हाथों से संवारा है। तीन ओर
से समुद्र मानो सदैव भारत मां
की चरण वंदना करते हैं और हिमालय
भारत मां के मुकुट की भांति
सुशोभित है। नदियां भारत मां
के गले का हार हैं। चारों ओर
छाई हुई हरियाली भारत माता
के सुंदर वस्त्र हैं।
भारत
देश से ज्ञान का प्रकाश पूरे
विश्व में फैला है। यह वही देश
है जिसने वेद,
पुराण,
उपनिषद
और गीता का ज्ञान,
योग
और आयुर्वेद संसार को दिया
है। इसी ज्ञान के कारण ही तो
भारत जगत-गुरु
है। प्राकृतिक दृष्टि से यह
देश सर्वाधिक सुंदर है और अपने
धन-वैभव
के लिए सोने की चिड़िया के नाम
से भी जाना जाता है। हमारे देश
में भौगोलिक विभिन्नताएं भी
एक से बढ़कर एक हैं। जहां एक
ओर हरियाली है तो दूसरी ओर
जंगल। एक ओर हिमखंड पर्वत शिखर
है तो दूसरी ओर तपे मरुस्थल।
देश की प्राकृतिक बनावट,
यहां
का जलवायु,
खान-पान,
वेषभूषा
तथा संस्कृति अपने आप में
विविधताओं का सागर है। हमारा
प्यारा देश भारत अनेकता में
एकता का अलौकिक उदाहरण है।
इस देश में मंदिर,
मस्जिद,
गुरुद्वारे
और गिरजाघरों के दर्शन होते
हैं। हज़ारों भाषाएं और धर्म
इसी धरती पर फलते-फूलते
हैं और सभी संस्कृतियों में
यहां एकता व एक दूसरे के प्रति
सम्मान दिखाई पड़ता है। भारत
भूमि द्वारा ही संसार को
विश्व-बंधुत्व
व पंचशील का सिद्धांत दिया
गया है तथा सत्य,
अहिंसा,
त्याग,
दया
आदि मानव मूल्यों की प्रेरणा
भी दी गई है।
भारत
देश अनेक महापुरुषों की भूमि
है। इस धरा पर गौतम बुद्ध,
महावीर,
विवेकानंद
जैसे महापुरुष हुए हैं। इसी
भूमि पर तुलसीदास,
कबीर,
कालिदास,
रविंद्रनाथ
टैगोर जैसे कवि व समाज सुधारक
हुए तथा इसी भूमि पर रामानुजन,
आर्यभट्ट
जैसे महान गणितज्ञ व वैज्ञानिक
हुए। भारत देश को उन्नति के
शिखर पर पहुंचाने के लिए सभी
देशवासी कंधे-से-कंधा
मिलाकर कार्य करते रहे हैं।
हमारा देश वर्तमान में अनेक
समस्याओं से जूझ रहा है और अभी
विकासशील देशों की श्रेणी
में सर्वप्रथम स्थान पर है।
लेकिन वह समय दूर नहीं है जब
हमारा देश विज्ञान,
तकनीक,
औद्योगिक,
आर्थिक
और सामाजिक दृष्टि से विश्व
का सर्वश्रेष्ठ देश बनेगा।
भारतवर्ष की विशेषताओं के
कारण जर्मन के विद्वान मैक्सम्यूलर
ने कहा था,
"पूरे
विश्व में हम यदि किसी ऐसे देश
की बात करें
जिसे
प्रकृति ने सर्वसंपन्न तथा
सुंदर बनाया है,
तो
मैं भारत की ओर संकेत करूँगा।"
यह
प्रत्येक भारतवासी के लिए
अत्यंत ही गर्व की बात है।
प्रत्येक
भारतवासी के कर्तव्य को ध्यान
में रखते हुए किसी ने खूब कहा
है -
जिएं
तो सदा इसी के लिए,
अभिमान
रहे और रहे हर्ष,
न्योछावर
कर दें हम सर्वस्व,
हमारा
प्यारा भारतवर्ष।

हमारे देश के बारे मे जितना लिखो उतना कम परंतु बोहोत अच्छा प्रयास भक्ति। बोहोत सुंदर व्याख्यान ।। शैशव भटनागर
ReplyDeleteबिल्कुल सही भक्ति
ReplyDeleteजननी जन्म भूमि स्वर्गा दीपी गिरीयसी
Very true 👍👍
ReplyDeleteबहुत सुंदर भारत वर्ष का चरित्र चित्रण किया है। लगता है मन के भावों को कागज़ (मोबाइल)पर उतार दिया। जननी जन्मभूमि का महत्व तुमसे ज्यादा कोन समझ सकता है। उससे दूर रहकर। सुंदर
ReplyDeleteबहुत सुंदर भारत वर्ष का चरित्र चित्रण किया है। लगता है मन के भावों को कागज़ (मोबाइल)पर उतार दिया। जननी जन्मभूमि का महत्व तुमसे ज्यादा कोन समझ सकता है। उससे दूर रहकर। सुंदर
ReplyDeleteVery true. Bahut acha likhti ho.
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