मां तो मां ही होती है
-सौ भक्ति सौरभ खानवलकर
मां तो मां ही होती है
मां तो वह शब्द है, जिसमें सारे सुखों की अनुभूति होती है।
फिर चाहे वह मां तुम्हारी जननी हो अथवा,
उसकी हो जिसकी तुम जीवनसंगिनी हो।
जो मां जन्म देती है वह सब कुछ सिखाती है,
पर उसकी सीख को जीवन में कैसे लाना
वह सासु मां ही सिखाती है।
बहू में सर्वगुण अवश्य हो सकते हैं,
पर उसके गुणों को संपन्न सासु मां का स्नेह ही कर सकता है।
आपके रूप में मैंने एक और मां है पाई,
जिस दिन मैं आपकी बेटे से ब्याही।
नमन आपको, अपने बेटे की रूप में जैसे मुझे सौंप दिया हो अपना कोई अंग,
वचन देती हूं सारी जिंदगी रहूंगी उसके संग।
दुआ है ईश्वर से यह हमारी,
ममता के आंचल में सदा ही रहे खुशहाली।
बहू के रूप में बेटी बन प्यार दूं यह मेरा वादा,
अपनी ममता और आशीर्वाद का हाथ हम पर बनाए रखना सदा।
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