Friday, 28 February 2020

कोई भी कार्य कभी व्यर्थ नहीं जाता | Hindi


कोई भी कार्य कभी व्यर्थ नहीं जाता


-सौ. भक्ति सौरभ खानवलकर
-कोलंबिया, साउथ कैरोलिना, यू. एस. .

आर्टिकल को और भी रोचक बनाने के लिए आर्टिकल का ऑडियो, मेरी आवाज़ में। इसे सुनने की लिए नीचे दिए गए वीडियो पर क्लिक करें।



        बहुत पहले की बात है। छोटे से शहर में एक छोटा-सा चिंटू नाम का लड़का रहता था। वह पढ़ने-लिखने में बहुत होशियार था। परंतु उसके माता-पिता इतने सक्षम नहीं थे कि वे चिंटू को उच्च शिक्षा दे सकें। चिंटू साधारण स्कूल में पढ़ता था और उसमें कुछ कर दिखाने का एक जज़्बा था। वह खुद अपनी स्कूल फीस भरने के लिए हर रोज़ सुबह दूसरे मोहल्ले में सभी के घर पर जाकर अखबार बेचने का काम किया करता था। एक दिन रोज़ की तरह ही वह सभी के घर अखबार बेचने के लिए गया। उस दिन चिंटू की तबीयत कुछ ठीक नहीं थी। वह जिस घर के सामने था उसका दरवाज़ा बजाकर उसने पीने के लिए एक गिलास पानी मांगा। पर उसे वहां से भगा दिया गया। ऐसे ही वह हर एक घर में जाकर पीने के लिए थोड़ा-सा पानी मांग रहा था।
        किसी ने भी उसकी सहायता नहीं की। सभी ने उसे दुत्कार कर भगा दिया। सबसे आखिर में वह एक छोटे पुराने मकान के दरवाज़े की ओर गया। उसने सोचा शायद यह लोग भी मुझे भगा देंगे फिर भी उसने हिम्मत करके उसका दरवाज़ा खटखटाया। दरवाज़ा एक महिला ने खोला। चिंटू ने उससे पीने के लिए एक गिलास पानी मांगा। महिला को चिंटू बिल्कुल अपने बेटे जैसा लगा। चिंटू की तबीयत खराब देख कर उसने उसे प्यार से बैठाया और उस के लिए एक ग्लास दूध लेकर आई जिसे पीकर चिंटू को तबीयत में थोड़ा सुधार लगा। जब चिंटू की तबीयत थोड़ी ठीक हुई तभी उसने चिंटू को उसके घर जाने दिया। समय बीतता गया।
         वह महिला जिसने चिंटू की मदद की थी अब बूढ़ी हो गई थी और काफी बीमार रहती थी। उसने बहुत से डॉक्टरों से अपना इलाज करवाया पर उसकी तबीयत में कुछ खास सुधार नहीं होता था। फिर वह शहर के सबसे बड़े डॉक्टर के पास अपना इलाज कराने गई। उस डॉक्टर के इलाज से वह धीरे-धीरे पूरी तरह ठीक हो गई। अस्पताल का बिल बहुत ज्यादा आया होगा, इस बात से चिंतित वह बिल भरने के लिए गई तो उस बिल पर लिखा था - "एक ग्लास दूध का कर्जा आज मैंने चुका दिया। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।" कुछ समझे दोस्तों! शहर का सबसे बड़ा डॉक्टर कौन था? बिल्कुल सही पहचाना आपने। वह चिंटू था जिसकी इस महिला ने बरसों पहले मदद की थी।

शिक्षा- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि किसी भी प्रकार का अच्छा काम कभी व्यर्थ नहीं जाता। उसका फल हमारे भविष्य में हमें ज़रूर मिलता है। इसीलिए हमेशा जरूरतमंदों की मदद करें और अच्छा काम करते रहें।



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Tuesday, 25 February 2020

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Learning for life is a blog which has articles with various  genre such as 'Motivational & Inspirational' articles, short 'Moral Stories for Kids', 'Recipes for some Yummy Dishes' especially along with their audios which helps to increase awareness & morale in life, add taste to it and helps you achieve success on multiple platforms. It helps to enhance various skills within you. 

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Bhakti Khanwalkar
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Monday, 24 February 2020

आज का कर्म ही आपका भविष्य तय करेगा | Hindi

आज का कर्म ही आपका भविष्य तय करेगा


-सौ भक्ति सौरभ खानवलकर
-कोलंबिया, साउथ कैरोलिना, यू. एस. ए.


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This title means 'Your future depends on the work that you do in your present'. This is a short moral story for kids in Hindi. By this story they will learn to do hard work which will give positive and effective  results in their future.

       एक बार एक गांव में बहुत ही भयंकर अकाल पड़ा था। उस गांव के किसान हर रोज इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए पूजा पाठ और हवन किया करते थे। दिनभर की पूजा पाठ के बाद शाम को एक पेड़ के नीचे सभी किसान इकट्ठा होकर इस अकाल से कैसे मुक्ति मिले या इसको दूर करने का क्या तरीका अपनाया जाए पर चर्चा करते थे। अचानक ही एक किसान को याद आया कि मंगू नामक एक किसान कई दिनों से ना ही पूजा पाठ और हवन में आ रहा है और ना ही शाम की इस चर्चा में। सब यह सोच रहे थे कि शायद हो सकता है वह शहर चला गया हो कुछ पैसे कमाने के लिए या फिर वह कहीं बीमार तो नहीं है। फिर भी सब ने यह सोचा कि अगले दिन उसके घर जाकर उसके बारे में पूछते हैं।
जब सभी किसान अगले दिन उसके घर पहुंचे तो मंगू के बेटे ने बताया कि उसके पापा तो खेत पर काम करने गए हैं। यह सुनकर सभी को बड़ा आश्चर्य हुआ। सभी आपस में बात करने लगे कि इस अकाल में खेत में जाकर मंगू क्या काम कर रहा है। सभी ने सोचा उसके खेत पर जाकर हम उसी से पूछ लेते हैं। जब सब मंगू के खेत पर पहुंचे तो उन्होंने देखा मंगू अपने खेत के पास की एक ज़मीन पर गड्ढा खोद रहा है। सभी ने मंगू से पूछा कि यह तुम क्या कर रहे हो? हम बारिश के लिए रोज हवन पूजन कर रहे हैं और तुम यहां गड्ढा खोद रहे हो। मंगू ने कहा अभी बारिश नहीं हो रही है तो क्या, जब भी बारिश होगी मेरे इसी गड्ढे में पानी जमा होगा जिससे मैं खेती करूंगा। सभी को मंगू की यह बात कुछ अजीब सी लगी और सब ने यह सोचा कि अकाल के कारण खेती नहीं होने से मंगू की मानसिक अवस्था बिगड़ गई है। सब वहां से वापस चले गए।
उस रात अचानक जो़रों से बादल गरजने लगे, बिजलियां चमकने लगीं और कुछ समय के लिए ही ज़ोरदार बरसात हुई। बरसात इतने कम समय के लिए थी कि वह पानी खेत की ज़मीन को उपजाऊ बनाने के लिए पर्याप्त नहीं था। अगली सुबह सब अपने खेत पर यह सोचकर पहुंचे की बरसात से खेत की ज़मीन थोड़ी उपजाऊ हो गई होगी जिससे कि थोड़ी बहुत खेती की शुरुआत की जा सके लेकिन सब ने वहां पहुंच कर देखा सभी खेत वैसे के वैसे ही सूखे थे लेकिन मंगू की खेत की जमीन उपजाऊ थी जिस पर वह खेती कर रहा था। उसने जो गड्ढा खोदा था वह तालाब की तरह पानी से लबालब भरा हुआ था जिसका उपयोग वह अपने खेत को जोतने के लिए कर रहा था। सभी गांव वालों ने मंगू की इस होशियारी के लिए उसे शाबाशी दी।

शिक्षा- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जो भी काम हम आज यानी कि हमारे वर्तमान में करेंगे वही हमारा भविष्य निश्चित करेगा। कहते हैं ना जो बोओगे वही काटोगे। इसीलिए वर्तमान में अच्छे काम करते रहो तभी आपका भविष्य उज्ज्वल बनेगा।



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Sunday, 23 February 2020

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Kuch Toh Log Kahenge, Logo Ka Kaam Hai Kehna


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Friday, 21 February 2020

Sabudana Vada | Tasty, Quick and Easy | English

Sabudana vada 

Cooking is a fun and art. So, enjoy!😀

Sabudana vada is easy, quick and yummy dish whih is mostly prepared during fasting days.

Easy, quick and yummy Sabudana vada recipe is here!



Ingredients for Sabudana vada (for 3-4 person) -
  • 1 bowl Sabudana (soaked over night)
  • 3 medium sized boiled potatoes
  • 3-4 spoon roasted peanut powder
  • Salt
  • Red chilli powder
  • 1.5 jeera (cumin seeds)
  • 1 spoon lemon juice
  • 1 inch Ginger grated or 1.5 tbsp Ginger paste.
  • 2 fine chopped green chillies
  • Fine chopped green coriander leaves
  • Peanut oil (for deep fry or shallow fry)


Process to make Sabudana vada -

Step 1 - Take boiled potatoes in a bowl, peel them and mash them properly. 

Step 2 - Add over night soaked Sabudana, 3-4 spoon roasted peanut powder, 1.5 jeera (cumin seeds), 1 spoon lemon juice, 1 inch Ginger grated or 1.5 tbsp Ginger paste, 2 fine chopped green chillies, fine chopped green coriander leaves, Salt as per taste, Red chilli powder as per taste and mix well.

Step 3 - If you want vada to deep fry pour oil in pan and heat. For shallow frying, heat the pan. 

Step 4 - Wet your hands and make medium sized balls of this mixture. Gently press them and make spherical shape.

Step 5 - Put each vada one-by-one into hot oil for deep fry or keep on hot pan and add oil for shallow fry. Cook till golden brown from both sides in both the cases.

Step 6 - Take out Sabudana vada after it is properly cooked.

Yummy….. 😋Sabudana Vada is ready to serve. 🍲 It can be served with curd or green Faryali chatni (I will share this recipe very soon). Enjoy this delicious and yummy dish!😃

To see this recipe in Hindi please click here👇


If you like this recipe or have any suggestions, please comment.
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Comment and let me know the next recipe you want to learn.
Happy to share this recipe with you. See you in the next recipe. Till then.....Be Happy and be Foodie!😊

साबूदाना वड़ा | Tasty, Quick and Easy | Hindi

साबूदाना वड़ा


Cooking is a fun and art. So, enjoy!😀

साबूदाना वड़ा एक बहुत ही स्वादिष्ट, आसान और जल्दी बनने वाली डिश है। व्रत के दिनों में साबूदाना वड़ा बनाना पहली पसंद होती है। 


जल्दी बनने वाला, आसान और स्वादिष्ट साबूदाना वड़ा विधि -

साबूदाना वड़ा बनाने के लिए सामग्री (2-3 लोगों के लिए) -
  • एक कटोरी साबूदाना (रात भर गलाया हुआ)
  • तीन मध्यम आकार के उबले हुए आलू
  • तीन से चार चम्मच भुनें हुए मूंगफली दानों का पाउडर
  • नमक
  • लाल मिर्च पाउडर
  • 1.5 चम्मच जीरा
  • एक चम्मच नीबू का रस
  • 1 इंच अदरक का टुकड़ा कीस के या 1.5 चम्मच अदरक का पेस्ट
  • दो बारीक कटी हुई हरी मिर्च
  • बारीक कटा हुआ हरा धनिया
  • मूंगफली का तेल (डीप फ्राई या शैलो फ्राई के लिए)


साबूदाना वड़ा बनाने की विधि -

Step 1 - एक बर्तन में उबले हुए आलू के छिलके निकालकर अच्छे से मैश कर लें। 

Step 2 - इसमें रात भर गलाया हुआ एक कटोरी साबूदाना, तीन से चार चम्मच भुने हुए मूंगफली दानों का पाउडर, 1.5 चम्मच जीरा, एक चम्मच नीबू का रस, 1 इंच अदरक का टुकड़ा कीस के (या 1.5 चम्मच अदरक का पेस्ट), 2 बारीक कटी हुई हरी मिर्च, बारीक कटा हुआ हरा धनिया, लाल मिर्च पाउडर स्वादानुसार, नमक स्वादानुसार डाल कर अच्छे से मिला लें।

Step 3 - यदि आप इन्हें डीप फ्राई करना चाहते हैं तो कढ़ाई में मध्यम आंच पर तेल गर्म करने के लिए रख दें। अथवा आप इसे शैलो फ्राई भी कर सकते हैं। शैलो फ्राई करने के लिए गैस पर पेन गर्म होने के लिए रखते दें।

Step 4 - हाथों को थोड़ा पानी लगाकर गीला करें और इस मिश्रण से मध्यम आकार की बॉल्स बनाएं जिन्हें हल्के से दबाकर गोलाकार दें। 

Step 5 - एक-एक करके साबूदाना वड़ों को गरम तेल में डीप फ्राई करें या पेन में शैलो फ्राई करें। दोनों ही प्रकार में वड़ों को दोनों तरफ से सुनहरा होने तक पकने दें।




Step 6 - साबूदाना वडे़ अच्छे से सुनहरे होने के बाद एक प्लेट में निकाल लें।

स्वादिष्ट… 😋साबूदाना वडे परोसने के लिए तैयार हैं!🍲 इसे आप दही या फरियाली हरी चटनी (इसकी रेसिपी बहुत जल्द आपसे शेयर करूंगी) के साथ सर्व करें।😃

इस रेसिपी को इंग्लिश में देखने के लिए यहां पर क्लिक करें👇


यदि आपको यह रेसिपी पसंद आई हो और आपके कोई सुझाव हों तो प्लीज कमेंट बॉक्स में ज़रूर लिखें
कमेंट करके मुझे ज़रूर बताएं की आप अगली कौन सी रेसिपी सीखना चाहते हैं
यह रेसिपी आपके साथ शेयर करके बहुत अच्छा लगा तो मिलते हैं अगली ऐसी ही किसी नई स्वादिष्ट रेसिपी के साथतब तक के लिए खुश रहिए और खाते रहीए!😊

साधु की झोपड़ी | Hindi

साधु की झोपड़ी


       - सौ. भक्ति सौरभ खानवलकर
- कोलम्बिया, साउथ कैरोलिना, यू. एस. ए.

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एक गांव में दो साधू रहते थे। दोनों एक साथ एक ही झोपड़ी में रहा करते थे। दिन भर भिक्षा मांगते थे और मंदिर में भगवान की पूजा-अर्चना किया करते थे। एक दिन गांव में आंधी-तूफ़ान के साथ बहुत मूसलाधार बारिश हुई, जब शाम को दोनों साधु घर वापस आए तो उन्होंने देखा मुसलाधार बारिश के कारण उनकी आधी झोपड़ी टूट गई थी।
      यह देख पहला साधु बहुत क्रोधित हुआ और भगवान को कोसने लगा कि भगवान हमेशा उसके साथ गलत ही करते हैं। आगे भगवान को कोसते हुए उसने कहा कि वह दिन भर उनकी पूजा-अर्चना करता रहता है फिर भी उन्होंने उसकी ही झोपड़ी क्यों टूटने दी? गांव में कितने ही चोर-लुटेरे, झूठे और मक्कार लोग है उन्हें कोई नुकसान क्यों नहीं पहुंचाया? बिचारे साधु की झोपड़ी क्यों टूटने दी? आगे वह भगवान से शिकायत करता है कि भगवान उससे प्रेम ही नहीं करते जबकि वह दिन भर उन्हीं की पूजा करता रहता है। झोपड़ी तोड़ना भी भगवान का ही काम है। कहकर शोक मनाते बैठा था। 
      तभी दूसरे साधु ने वहां आकर अपनी आधी टूटी झोपड़ी देखी और खुश होकर नाचने लगा। ईश्वर को धन्यवाद दिया और कहने लगा कि हे भगवान! आज मेरा आप पर और विश्वास बढ़ गया है और मैं समझ गया हूं कि आप हमसे कितना प्रेम करते हैं। हमारी आधी झोपड़ी आप ही ने बचाई है, नहीं तो इतनी मूसलाधार बरसात में हमारी पूरी झोपड़ी उड़ गई होती तो हमारे पास रहने के लिए कोई जगह ही नहीं होती। निश्चित ही यह मेरी पूजा-अर्चना का ही फल है। कल से मैं आपकी और अधिक पूजा-अर्चना करूंगा क्योंकि मेरा आप पर और विश्वास बढ़ गया है। 

शिक्षा- दोस्तों! इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि एक ही घटना को दो लोग कितने अलग-अलग दृष्टि से देखते हैं। व्यक्ति के आज के विचार ही उसके भविष्य को निश्चित करते हैं। व्यक्ति का जीवन तभी बदलेगा जब वह अपने विचार बदलेगा। अगर अपने विचार इस कहानी के पहले साधू की तरह रखेंगे तो हर बात में कमी ही नज़र आएगी। और यदि इसी के विपरीत अपने विचार दूसरे साधू की तरह रखेंगे तो हर बात में सब अच्छा ही नज़र आएगा। याद रखिए जीवन में कितनी ही विकट परिस्थिति ही क्यों ना आए उस वक्त हमेशा दूसरे साधू की तरह विचार सकारात्मक ही होने चाहिए।


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Thursday, 20 February 2020

घमंडी गुलाब | Hindi



घमंडी गुलाब



-सौ. भक्ति सौरभ खानवलकर

-कोलंबिया, साउथ कैरोलिना, यू. एस. .

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             बहुत समय पहले की बात है, दूर किसी जगह पर एक गुलाब का पौधा था। जिसे अपनी सुंदरता पर बहुत घमंड था। और वह हमेशा अपने पास उगने वाले कांटेदार कैक्टस के पौधे को भला-बुरा कहता रहता था।
        हर रोज़ वह खूबसूरत गुलाब का पौधा कैक्टस के पौधे को अपमानित कर उसे कोसता रहता था। यह सब देखते व सुनते हुए कैक्टस का पौधा चुप रहता था। इन दोनों के आसपास रहने वाले दूसरे पौधों ने गुलाब और कैक्टस के पौधों के बीच दोस्ती कराने की बहुत कोशिश की। लेकिन अपने घमंड के कारण गुलाब के पौधे ने कैक्टस के पौधे से दोस्ती करने के लिए साफ मना कर दिया।
         एक बार उस जगह भीषण गर्मी पड़ी। सब दूर पानी सूख गया। पौधों के लिए भी पानी नहीं बचा। गुलाब धीरे-धीरे मुरझाने लगा। उसकी खूबसूरत पंखुड़ियां सूखने लगीं और वह अपना खूबसूरत रंग खोने लगा। उस दौरान गुलाब के पौधे की नज़र कैक्टस के पौधे पर पड़ी तो उसने देखा एक छोटी-सी चिड़िया कैक्टस के पौधे में अपनी चोंच मारकर उसमें जमा पानी पी कर अपनी प्यास बुझा रही है। शर्म के मारे, लेकिन हिम्मत करके गुलाब के पौधे ने कैक्टस के पौधे से पूछा कि, "क्या वह उसे भी पीने के लिए थोड़ा पानी दे सकता है?" गुलाब के पौधे की भली-बुरी बातें भूल उदारता से तपती गर्मी में गुलाब के पौधे को पानी देकर कैक्टस के पौधे ने मदद की। अपनी करतूतों से शर्मसार गुलाब के पौधे ने कैक्टस के पौधे से माफी मांगी और दोनों हमेशा के लिए दोस्त बन गए।

शिक्षा- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि गुलाब के पौधे की तरह किसी को भी उसकी बाहरी सुंदरता से नहीं परखना चाहिए और कैक्टस के पौधे की तरह खुद में अच्छाई को पहचान कर हमेशा अपना मन साफ रख दूसरों के प्रति उदार रहना चाहिए। हमें हमारी किसी भी अच्छाई पर या कोई भी बात पर कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए। कोई नहीं जानता दोस्तों! जीवन में कब और कैसे किसी की मदद की आवश्यकता पड़ जाए।


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