Monday, 22 July 2019

ऋतुओं की रानी - वर्षा | Hindi



ऋतुओं की रानी - वर्षा


-सौ. भक्ति सौरभ खानवलकर

-कोलंबिया, साउथ कैरोलिना, यू.एस..



          भारतवर्ष ऋतुओं का देश है। यहां पर प्रत्येक ऋतु प्राकृतिक शोभा के साथ आती है। अपने सौंदर्य की छठा को चारों ओर फैला देती है। सभी ऋतुओं की अपनी-अपनी विशेषताएँ और महत्व हैं, किंतु अपने मनोरम दृश्य तथा विविध उपयोगिता के कारण वर्षा ऋतु का अपना विशेष महत्व है। वर्षा ऋतु को ऋतुओं की रानी भी कहा जाता है। बारिश के पानी से पर्यावरण हरा-भरा, सुंदर, आकर्षक व शीतल हो जाता है। वर्षा ऋतु के आगमन से मन प्रसन्न हो जाता है। वर्षा ऋतु का मौसम लगभग सभी लोगों का पसंदीदा मौसम होता है। वर्षा झुलसा देने वाली भयंकर गर्मी के बाद राहत का एहसास लेकर आती है। यह मौसम मनुष्यों के साथ-साथ पशु-पक्षी व पेड़-पौधों के लिए भी एक वरदान की भांति है। वर्षा ऋतु का आगमन सावन के महीने में होता है और यह तीन महीने - श्रावण, आषाढ़ तथा भादो मास तक अपनी शोभा बनाए रखती है। इस मौसम में कई मुख्य त्योहार भी आते हैं जिन्हें भारत में धूमधाम से मनाया जाता है।
          वर्षा ऋतु की सौंदर्यता का जितना वर्णन किया जाए उतना कम है। जैसे ही वर्षा की बूंदें जमीन पर पड़ने लगती है वैसे ही अद्भुत भीनी-भीनी सुगंध उठने लगती है। पेड़-पौधों में नया जीवन आ जाता है और वे हरे-भरे हो जाते हैं तथा पक्षी भी चहकने लगते हैं। इनके अलावा इस मौसम में बनने वाले इंद्रधनुष की बात ही कुछ और है। यह मौसम बच्चों में भी खूब उमंग लेकर आता है। बारिश में नहाने के साथ-साथ कागज़ से बनी हुई नाव को पानी से भरे छोटे-छोटे गड्ढों में चलाने का अपना अलग ही एक मज़ा होता है। यही तो वह मौसम होता है जिसमें हर इंसान अपना बचपन पूरी तरह से जीता है। आम जनजीवन के अलावा वर्षा ऋतु का सबसे अधिक महत्व किसानों के लिए है क्योंकि खेती के लिए पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है जिससे फसलों को पानी की कमी ना हो। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएँ, तालाब, नदियां तथा झरने आदि जल से भर उठते हैं। यह मौसम किसानों के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण होता है। भारत में किसानों के लिए इंद्रदेव का बहुत महत्व है क्योंकि इंद्रदेव को वर्षा ऋतु का स्वामी माना जाता है। किसान इस मौसम में फसलों की तंदुरुस्ती के लिए भगवान इंद्रराज से अच्छी वर्षा की प्रार्थना करते हैं। फसलों की सिंचाई व खेतों को जोतने का कार्य वर्षा ऋतु के मौसम में ही किया जाता है।
          वर्षा ऋतु के कई फायदे है तो कई नुकसान भी है। एक तरफ यह लोगों को गर्मी से राहत देती है और किसानों के लिए फसल के लिहाज से भी बहुत फायदेमंद है वहीं दूसरी ओर इससे कई संक्रामक बीमारियों के फैलने का डर बना रहता है। जैसे कई प्रकार के त्वचा रोग, डायरिया, पेचिश, टाइफाइड और पाचन से संबंधित परेशानियां सामने आती है। इस कारण लोग अधिक बीमार पड़ते हैं। इसलिए इस ऋतु में लोगों को सावधानी से रहना चाहिए। बारिश का आनंद लेने के साथ-साथ संक्रमित बीमारियों से किस तरह बचा जाए इसका भी ध्यान रखना चाहिए व बारिश के पानी को संचित करने के उपाय ढूंढने चाहिए ताकि वर्षा के मौसम के बाद अगले वर्ष वर्षा आने तक जल का अभाव ना हो। वर्षा ऋतु में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के साथ रोज़मर्रा की जिंदगी में भी कई परेशानियां सामने आती है। कभी-कभी ज्यादा वर्षा हो जाने के कारण जल प्रलय की स्थिति निर्माण होती है। कई जगह ज्यादा बारिश के वजह से गांव डूब जाते हैं और जन-धन की भी हानि होती है। बहुत ज़्यादा वर्षा के कारण खेत भी डूब जाते हैं और फसलें नष्ट हो जाती है। जिसका नुकसान किसानों को उठाना पड़ता है।
         उपरोक्त चर्चित की गई सभी परेशानियां जो वर्षा ऋतु के कारण हमारे समक्ष आती हैं से कैसे निजात पाया जाए इस संबंध में सरकार, नगर निगम व आम जनता को आगे आकर जन चेतना फैलानी चाहिए। स्वास्थ्य संबंधी निःशुल्क स्वास्थ्य केंद्र खोलने चाहिए व जरूरतमंद लोगों तक बीमारियों से निजात पाने के लिए मुफ़्त में दवाइयों को उपलब्ध करवाना चाहिए। जलभराव के कारण जन-धन की हानि रोकने के लिए वर्षा ऋतु के आगमन के पूर्व ही नदी-नालों की साफ़-सफ़ाई करवानी चाहिए तथा गड्ढों को समय रहते भरवा देना चाहिए ताकि जल जमाव ना हो। तथा आम जनता को जल जमाव के कारण किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
         इस खूबसूरत मौसम का भरपूर आनंद उठाएं तथा अपना व अपनों का ध्यान रखें और सदैव स्वस्थ रहें। इस सुनहरे मौसम के लिए कुछ पंक्तियां-

सावन आया संग अपने हजारों खुशियां लाया।
आसमान में छाई काली घटा जैसे हो कोई बड़ी-सी छाया।

देख बरसते बादल को, पंछि ने भी पर लहराया।
झूम उठे वनस्पति को देख यह जग भी मुस्कुराया।


कागज़ की नाव लगी चलने पोखरों में,
भीग कर बरसात में, मैं फिर खो गया अपने बचपन में।


मिट्टी की सौंधी-सी खुशबू हरियाली है लाई,
देखो आसमान में सात रंग की चुनरिया लहराई।




3 comments:

  1. Shaishav Bhatnagar......

    True Bhakti, Saving of water is important.

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  2. सुंदर, वर्षा ऋतु पर लिखा लेख उपयोगी एवं मनोरंजक है, और विशेष यह कि बचपन की याद ताजा हो गईं।

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  3. बिल्कुल सही है भक्ति, वर्षा के पानी को व्यर्थ नहीं बहाना चाहिये व उसे संचित करना जरूरी है ताकि भू जल स्तर में वृद्धि हो सके

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