Tuesday, 3 March 2020

आलसी बेटा | Hindi

आलसी बेटा


-सौ भक्ति सौरभ खानवलकर
-कोलंबिया, साउथ कैरोलिना, यू. एस. ए.


एक छोटे शहर में एक व्यापारी रहता था। उसका बेटा बहुत आलसी था और हमेशा सोता ही रहता था। व्यापारी की दिनचर्या शिव मंदिर जाने के बाद अपने कारखाने जाकर अपना काम करना था। व्यापारी बहुत मेहनती और कर्मठ था। वह हमेशा अपने बेटे से कहता था कि वह उसके साथ जाकर व्यापार किस तरह किया जाता है यह समझे और जाने क्योंकि भविष्य में उसे ही पूरा व्यापार संभालना है। पर अपने आलस्य के कारण व्यापारी का बेटा उसकी बात नहीं मानता था। एक दिन व्यापारी बहुत बीमार पड़ा। धीरे-धीरे सारा धन उसके इलाज में खर्च होता गया। व्यापारी को अपनी बीमारी के चलते व्यापार में ध्यान नहीं देने के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ रहा था। फिर भी व्यापारी का आलसी बेटा किसी भी बात पर ध्यान नहीं दे रहा था और आलस्य में हमेशा सोता रहता था।
एक बार उसकी मां ने कहा कि जाकर अपने कारखाने में देखो कि ठीक तरह से काम हो रहा है या नहीं। उसने अपनी मां की बात यह कह कर टाल दी कि उसे तो इन सब बातों का कोई ज्ञान ही नहीं है। कभी अपने पिता के साथ वह व्यापार सीखने नहीं गया। फिर उसकी मां ने उसे एक उपाय सुझाया कि उसे अपने नाना के पास, जो पास ही के गांव में रहते हैं, जाकर सलाह लेनी चाहिए की उसे व्यापार बचाने के लिए क्या करना चाहिए। अगले ही दिन वह अपने नाना के गांव गया। वहां नाना ने उसे सलाह दी कि वह अपने पिता की तरह दिनचर्या अपनाए और मेहनत करे। नाना ने उससे इस सलाह पर अमल करने का वादा भी करवाया। अगले दिन वह अपने शहर लौटा।
अपने पिता की तरह ही सुबह शिव मंदिर जाकर रोज़ कारखाने जाने लगा। उसे कारखाने में देख जो लोग गलत काम कर रहे थे जिससे व्यापार में नुकसान हो रहा था वह सावधान हो गए और ठीक से काम करने लगे। धीरे-धीरे व्यापार फिर से अच्छा चलने लगा। व्यापार के मुनाफे के पैसों से उसने अपने पिता का पूरा इलाज करवाया जिससे वह जल्दी ठीक हो गए और दोनों पिता-पुत्र मिलकर व्यापार करने लगे। सब पहले की तरह सामान्य होता देख वह अपने नाना को उनकी सलाह के लिए धन्यवाद देने दोबारा उनके गांव पहुंचा। उसके नाना ने कहा कि यह उनकी सलाह से नहीं बल्कि उसके आलस्य त्याग कर मेहनत का रास्ता अपनाने से संभव हो पाया है।

शिक्षा- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। आलस्य को त्याग कर, निष्ठा और मेहनत से अपना काम करें तो ही अपने जीवन में सफल हो पाएंगे।

1 comment:

  1. च्छान आलस्य से शरीर और धन दोनों का नुक़सान होता है।

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