Incredible Bharat
- सौ. भक्ति सौरभ खानवलकर
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इस दिन के लिए वीरों ने अपना खून बहाया है,
झूम उठिए देशवासियों गणतंत्र दिवस फिर आया है,
दे सलामी इस तिरंगे को जिससे तेरी शान है,
सर हमेशा ऊंचा रखना इसका जब तक दिल में जान है।
गणतंत्र दिवस, इस दिन आज़ाद भारत का संविधान लागू किया गया था। भारतीय लोकतांत्रिक सभा ने संविधान को 26 नवंबर 1949 को मान्य किया था और इसे देश की लोकतांत्रिक सरकार द्वारा 26 जनवरी 1950 को संविधान के रूप में पारित किया गया। देश के संविधान को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में बनाया गया था। दोस्तों! आज हम सभी मिलकर हमारा 71 वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। आप सभी को तहे दिल से गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
दोस्तों! हमारा प्यारा भारत देश अत्यंत प्राचीन संस्कृति वाला एक महान व सुंदर देश है। यह एक ऐसा पावन देश है जहां देवी-देवताओं ने भी जन्म लिया है। यह देश किसी स्वर्ग से कम नहीं है। क्या खूब कहा गया है, "जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है"। भारत देश संसार का शिरोमणि है। प्राकृतिक रूप से यह सबसे अनूठा है। छः ऋतुएं बारी-बारी से आकर इसका श्रृंगार करती रहती हैं। ऐसा लगता है मानो खुद पृथ्वी ने इसे अपने हाथों से सजाया है। तीन ओर से समुद्र मानो हमेशा भारत मां की चरण वंदना करते हैं और हिमालय भारत मां के मुकुट की तरह सुशोभित है। नदियां भारत मां के गले का हार हैं। चारों ओर छाई हुई हरियाली भारत माता के सुंदर वस्त्र हैं।
भारत देश से ज्ञान का प्रकाश पूरे विश्व में फैला है। यह वही देश है जिसने वेद, पुराण, उपनिषद और गीता का ज्ञान, योग और आयुर्वेद संसार को दिया है। इसी ज्ञान के कारण ही तो भारत जगत-गुरु है। प्राकृतिक दृष्टि से यह देश सर्वाधिक सुंदर है और अपने धन-वैभव के लिए सोने की चिड़िया के नाम से भी जाना जाता है। हमारे देश में भौगोलिक विभिन्नताएं भी एक से बढ़कर एक हैं। जहां एक ओर हरियाली है, तो दूसरी ओर जंगल। एक ओर हिमखंड पर्वत शिखर है, तो दूसरी ओर तपे मरुस्थल। देश की प्राकृतिक बनावट, यहां की जलवायु, खान-पान, वेषभूषा तथा संस्कृति अपने आप में विविधताओं का सागर है। हमारा प्यारा देश भारत अनेकता में एकता का अलौकिक उदाहरण है। इस देश में मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और गिरजाघरों के दर्शन होते हैं। हज़ारों भाषाएं और धर्म इसी धरती पर फलते-फूलते हैं और सभी संस्कृतियों में यहां एकता व एक दूसरे के प्रति सम्मान दिखाई पड़ता है। भारत भूमि द्वारा ही संसार को विश्व-बंधुत्व व पंचशील का सिद्धांत दिया गया है तथा सत्य, अहिंसा, त्याग, दया आदि ह्यूमन वैल्यू की प्रेरणा भी दी है।
भारत देश अनेक महापुरुषों की भूमि है। इस धरा पर गौतम बुद्ध, महावीर, विवेकानंद जैसे महापुरुष हुए हैं। इसी भूमि पर तुलसीदास, कबीर, कालिदास, रविंद्रनाथ टैगोर जैसे कवि व समाज सुधारक हुए तथा इसी भूमि पर रामानुजन, आर्यभट्ट जैसे महान गणितज्ञ व वैज्ञानिक हुए। भारत देश को उन्नति के शिखर पर पहुंचाने के लिए सभी देशवासी कंधे-से-कंधा मिलाकर कार्य करते रहे हैं। हमारा देश विकासशील देशों की श्रेणी में सर्वप्रथम स्थान पर है और वो समय दूर नहीं है जब हमारा देश साइंस एंड टेक्नोलॉजी, इंडस्ट्रियल, इकनोमिक और सोशल दृष्टि से विश्व का सर्वश्रेष्ठ देश बनेगा। भारतवर्ष की विशेषताओं के कारण जर्मन के विद्वान मैक्सम्यूलर ने कहा था, "पूरे विश्व में हम यदि किसी ऐसे देश की बात करें जिसे प्रकृति ने सर्वसंपन्न तथा सुंदर बनाया है, तो मैं भारत की ओर संकेत करूँगा।" यह प्रत्येक भारतवासी के लिए अत्यंत ही गर्व की बात है। सच भारत अतुल्य है। इसी तरह हमारे देश की गरिमा बनाए रखने के लिए और देशभक्ति की प्रेरणा जगाए रखने के लिए इन चंद पंक्तियों द्वारा मेरी एक छोटी सी कोशिश-
दोस्तों! हमारा प्यारा भारत देश अत्यंत प्राचीन संस्कृति वाला एक महान व सुंदर देश है। यह एक ऐसा पावन देश है जहां देवी-देवताओं ने भी जन्म लिया है। यह देश किसी स्वर्ग से कम नहीं है। क्या खूब कहा गया है, "जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है"। भारत देश संसार का शिरोमणि है। प्राकृतिक रूप से यह सबसे अनूठा है। छः ऋतुएं बारी-बारी से आकर इसका श्रृंगार करती रहती हैं। ऐसा लगता है मानो खुद पृथ्वी ने इसे अपने हाथों से सजाया है। तीन ओर से समुद्र मानो हमेशा भारत मां की चरण वंदना करते हैं और हिमालय भारत मां के मुकुट की तरह सुशोभित है। नदियां भारत मां के गले का हार हैं। चारों ओर छाई हुई हरियाली भारत माता के सुंदर वस्त्र हैं।
भारत देश से ज्ञान का प्रकाश पूरे विश्व में फैला है। यह वही देश है जिसने वेद, पुराण, उपनिषद और गीता का ज्ञान, योग और आयुर्वेद संसार को दिया है। इसी ज्ञान के कारण ही तो भारत जगत-गुरु है। प्राकृतिक दृष्टि से यह देश सर्वाधिक सुंदर है और अपने धन-वैभव के लिए सोने की चिड़िया के नाम से भी जाना जाता है। हमारे देश में भौगोलिक विभिन्नताएं भी एक से बढ़कर एक हैं। जहां एक ओर हरियाली है, तो दूसरी ओर जंगल। एक ओर हिमखंड पर्वत शिखर है, तो दूसरी ओर तपे मरुस्थल। देश की प्राकृतिक बनावट, यहां की जलवायु, खान-पान, वेषभूषा तथा संस्कृति अपने आप में विविधताओं का सागर है। हमारा प्यारा देश भारत अनेकता में एकता का अलौकिक उदाहरण है। इस देश में मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और गिरजाघरों के दर्शन होते हैं। हज़ारों भाषाएं और धर्म इसी धरती पर फलते-फूलते हैं और सभी संस्कृतियों में यहां एकता व एक दूसरे के प्रति सम्मान दिखाई पड़ता है। भारत भूमि द्वारा ही संसार को विश्व-बंधुत्व व पंचशील का सिद्धांत दिया गया है तथा सत्य, अहिंसा, त्याग, दया आदि ह्यूमन वैल्यू की प्रेरणा भी दी है।
भारत देश अनेक महापुरुषों की भूमि है। इस धरा पर गौतम बुद्ध, महावीर, विवेकानंद जैसे महापुरुष हुए हैं। इसी भूमि पर तुलसीदास, कबीर, कालिदास, रविंद्रनाथ टैगोर जैसे कवि व समाज सुधारक हुए तथा इसी भूमि पर रामानुजन, आर्यभट्ट जैसे महान गणितज्ञ व वैज्ञानिक हुए। भारत देश को उन्नति के शिखर पर पहुंचाने के लिए सभी देशवासी कंधे-से-कंधा मिलाकर कार्य करते रहे हैं। हमारा देश विकासशील देशों की श्रेणी में सर्वप्रथम स्थान पर है और वो समय दूर नहीं है जब हमारा देश साइंस एंड टेक्नोलॉजी, इंडस्ट्रियल, इकनोमिक और सोशल दृष्टि से विश्व का सर्वश्रेष्ठ देश बनेगा। भारतवर्ष की विशेषताओं के कारण जर्मन के विद्वान मैक्सम्यूलर ने कहा था, "पूरे विश्व में हम यदि किसी ऐसे देश की बात करें जिसे प्रकृति ने सर्वसंपन्न तथा सुंदर बनाया है, तो मैं भारत की ओर संकेत करूँगा।" यह प्रत्येक भारतवासी के लिए अत्यंत ही गर्व की बात है। सच भारत अतुल्य है। इसी तरह हमारे देश की गरिमा बनाए रखने के लिए और देशभक्ति की प्रेरणा जगाए रखने के लिए इन चंद पंक्तियों द्वारा मेरी एक छोटी सी कोशिश-
हे इंसान नफरत ना कर इंसान से तू,
यह नफरत है बुरी जान ले इस बात को तू,
अमीरी-गरीबी का भेद छोड़ मिल जुलकर रह तू,
जाति-धर्म के झगड़े बिना भाई चारे के साथ रह तू,
भ्रष्टाचार और अपराध मुक्त भारत बना तू,
तेरा, मेरा, इसका, उसका कह विवाद ना कर तू,
अपने स्वार्थ में बर्बाद ना होने दे इस देश को तू,
मातृभाषा के साथ विविध भाषियों का सम्मान कर तू,
इसकी माटी में जन्मा है रखवाला बन रक्षा कर तू,
इसकी खूबसूरत संस्कृति को संभाल कर रख तू,
यह वतन है तेरा इस बात को जान ले तू,
देख क्या कह रही भारत माता की पुकार सुन ले तू,
धरती का सबसे सुंदर स्वर्ग भारत को बना सकता है तू।
जय हिंद जय भारत
वंदे मातरम्
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Very nice artical
ReplyDeleteKeep it up
Thank you papa 🙂🙏
DeleteWonderful article..great!!
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