Friday, 13 September 2019

हिंदी: हमारा गौरव | Hindi


हिंदी: हमारा गौरव


-सौ. भक्ति सौरभ खानवलकर
-कोलंबिया, साउथ कैरोलिना, यू.एस..


निज भाषा उन्नति अहै,
सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के,
मिटत न हिय को सूल।।


             १४ सितंबर 'हिंदी दिवस' हर हिंदुस्तानी के लिए गर्व का दिवस, हिंदुस्तान की राष्ट्र भाषा का दिवस। इस दिन भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदू भाषा को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा घोषित किया था। भारत की संविधान सभा ने १४ सितंबर १९४९ को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया था। हालांकि इसे २६ जनवरी १९५० को देश के संविधान द्वारा आधिकारिक भाषा के रूप में इस्तेमाल करने के विचार को मंजूरी दी गई थी। हिंदी को आधिकारिक भाषा के स्वीकृति के दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी भाषा देवनागरी लिपि में लिखी गई है। इसकी सरलता का उदाहरण है कि यह जिस तरह लिखी जाती है बिल्कुल उसी तरह पढ़ी भी जाती है। इसके वर्णों तथा शब्दों का उच्चारण व्यक्ति के बोलने से संबंधी सभी अंगों का संतुलित विकास व उपयोग को ध्यान में रखकर निर्धारित किया गया है। हमारी राष्ट्रीय भाषा के साथ ही हमारी संस्कृति के महत्व पर ज़ोर देने और हर पीढ़ी के बीच इसको बढ़ावा देने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। यह दिन हर साल देश के विभिन्न भाषी लोगों को एकजुट करता है‌ तथा हमारी भाषा, संस्कृति और मूल्य प्रत्येक भारतवासी के साथ सदैव बरक़रार रखता है। हिंदी दिवस इसके लिए एक अनु-स्मारक के रूप में जाना जाता है। हिंदी दिवस एक ऐसा दिन है जो देशभक्ति की भावना के लिए प्रेरित करता है। इस दिन को स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में भी बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। उत्सव मनाने के लिए लोग भारतीय पारंपरिक परिधान पहनते हैं। कई लोग हिंदी भाषा और भारतीय संस्कृति के महत्व के बारे में बात करने के लिए आगे आते हैं। विद्यालय हिंदी वाद-विवाद, कविता और कहानी की प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। इसी के साथ हिंदी भाषा के बारे में कई दिलचस्प तथ्य हैं जैसे
  • हिंदी में कई शब्द संस्कृत से प्रेरणा लेते हैं।
  • हिंदी को पूरी तरह ध्वन्यात्मक लिपि में लिखा गया है। इस भाषा के शब्दों को उसी तरह स्पष्ट किया जाता है जिस तरह से वे लिखे गए हैं।
  • दुनिया भर में ऐसे कई शब्दों का प्रयोग किया जाता है जो लगता है कि अंग्रेजी के शब्द हैं परन्तु वास्तव में ये शब्द हिंदी भाषा से हैं। इनमें से कुछ शब्द जंगल, लूट, योग, कर्म, अवतार और गुरु हैं।
  • हिंदी भाषा में सभी संज्ञाओं में लिंग हैं। ये या तो स्त्रीलिंग हैं या पुल्लिंग हैं। इस भाषा में विशेषण और क्रियाएँ लिंग के आधार पर भिन्न होती हैं।
  • यह उन सात भाषाओं में से एक है जो वेब एड्रेस बनाने के लिए उपयोग की जाती हैं।
  • दुनिया में हर ध्वनि हिंदी भाषा में लिखी जा सकती है।
  • हिंदी भाषा का प्रयोग सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के अन्य देशों में भी किया जाता है जिनमें पाकिस्तान, फिजी, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड अरब एमिरेट्स और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।
          भारत महान संस्कृतियों व हिंदी जैसी महान भाषा का देश है। परंतु आज के समय में अंग्रेजी की ओर झुकाव तथा पाश्चात्य संस्कृति को अपनाने की होड़ में युवा अपने देश की मातृभाषा को भूल अंग्रेजी की ओर ज़्यादा आकर्षित हो रहे हैं। मातृभाषा को ओछा एवं पिछड़ा समझना, लोगों के सामने उसे बोलने पर शर्म महसूस करना और इसीलिए अंग्रेजी में बातचीत करना यह काफी आम बात हो गई है। युवाओं को कई शैक्षणिक संस्थानों में भी अंग्रेजी पर ही ज़ोर देना सिखाया जाता है। अनिवार्य रूप से अंग्रेज़ी में ही आपस में बातें करनी होती हैं। किंतु हिंदी भाषा अर्थात् अपनी मातृभाषा का भी उतना ही सम्मान करना विद्यार्थियों को सिखाना आवश्यक है। यह सत्य है कि अंग्रेज़ी एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा है और युवाओं को अपने उज्जवल भविष्य के लिए, अपनी प्रगति के लिए देश-विदेश में अपना नाम कमाने के लिए अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है। परंतु यह स्मरण रहना चाहिए कि हमारी मातृभाषा भी उतनी ही सम्माननीय है। इसके महान होने का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि कई बड़े विदेशी विश्वविद्यालयों में संस्कृत और हमारी संस्कृति एक शोध का विषय है। विदेशी भी हमारी मातृभाषा के महत्व को समझने लगे हैं तथा अपने संपूर्ण उत्थान के लिए भारतीय संस्कृति को अपना रहे हैं। एक ओर विदेशों में हमारी भाषा और संस्कृति को बेहतर समझा जा रहा है और दूसरी ओर हमारे ही देश के कुछ युवाओं को हिंदी लिखने व पढ़ने में कठिनाई होती है। यह भारतवासियों के लिए, जो एक युवा प्रधान देश है, चिंतन की बात है। आज की पीढ़ी को यह नहीं भूलना चाहिए कि हम पहले भारतीय हैं और हमें हमारी राष्ट्रीय भाषा का सम्मान करना चाहिए। इसे इतना विस्तृत करना चाहिए तथा इसके महत्व को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाना चाहिए कि लोग हिंदी भाषा की गुणवत्ता सही ढंग से समझें। हिंदी हमारी पहचान है। यह सिर्फ एक भाषा ही नहीं बल्कि हमारा गौरव है जिसका सम्मान प्रत्येक भारतीय को करना ही चाहिए।

हिंदुस्तान की गौरव गाथा हिंदी,
एकता की अनुपम परंपरा है हिंदी,
जिसके बिना हिंद थम जाए,
ऐसी जीवन रेखा है हिंदी,
सरल शब्दों में कहा जाए तो,
जीवन की परिभाषा है हिंदी,
हिंदुस्तान की शान है हिंदी,
हर हिंदुस्तानी की पहचान है हिंदी।

आप सभी को १४ सितंबर - 'हिंदी दिवस' की अनेक शुभकामनाएं।




1 comment:

  1. बोहत अच्छा वर्णन किया है भक्ति 👌
    हिंदी भाषा का स्थान विश्‍व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में चौथा है

    ReplyDelete