Friday, 26 April 2019

जल: जीवों की जीवन रेखा | Hindi


जल: जीवों की जीवन रेखा


-सौ. भक्ति सौरभ खानवलकर




किसी ने खूब कहा है-

जल है तो कल है,

वरना मुश्किल हर एक पल है, 

जल ही जीवन का है आधार,

इसके बिना सूना है संसार,

जल को ना हम करें व्यर्थ,

क्योंकि इसमें छिपा है जीवन का अर्थ,

जल का कुछ है ही नहीं विकल्प,

इसे बचाने का हम लें संकल्प।


         दोस्तों! कल्पना कीजिए, सूट-बूट पहने आप एक लंबी कतार में लगे हैं और हाथों में 20-20 लीटर के पानी के कंटेनर है और जेब में ₹200 प्रति लीटर के हिसाब से मेहनत की कमाई के बचे हुए पैसे। सिर्फ इतना ही पानी आपके परिवार को पूरे हफ्ते उपयोग में लाना है। सारे काम, जैसे - खाना बनाना, बर्तन-कपड़े धोना आदि। यहां तक कि पीने के लिए भी इतना ही पानी उपलब्ध हो पाएगा। पानी बेचने वाले लोगों के तेवर किसी सुनार से कम नहीं है और लोगों की लाइन में धक्का-मुक्की की, आगे जाने की और जल्दी पानी मिलने की होड़ लगी है। पानी खत्म तो अब सीधा अगले हफ्ते ही मिल पाएगा। क्या आप भविष्य में किसी ऐसे दिन की कल्पना कर सकते हैं? दोस्तों! शायद किसी दिन पानी की कीमत धीरे-धीरे सोना-चांदी की कीमत से भी आगे निकल जाएं। भविष्य में बढ़ती गर्मी और घटते जल स्तर को देखते हुए आज के वैज्ञानिक शायद कोई ऐसे इंजेक्शन या दवाई की खोज कर लें जो इंसान के शरीर में पानी की कमी को पूरा कर सके। परंतु आगे आने वाली पीढ़ी यदि पानी म्यूजियम में रखा देखे और उन्हें यह बताया जाए कि इसे कभी इंसान अपनी जीविका चलाने के लिए उपयोग में लाया करता था और यह धरती पर सुंदर नदियों और झरनों के रूप में मुफ्त में उपलब्ध हुआ करता था। आपको शायद हंसी आ रही होगी है ना? आप यह सोच रहे होंगे यह क्या बेवकूफी भरी बातें हैं! जी हां दोस्तों, यदि सही समय पर सही तरीके से पानी का संरक्षण आज नहीं किया गया तो भविष्य में यह कल्पना सत्य होती नज़र आ सकती है। जल बिना सारी सृष्टि खत्म हो जाएगी।
            पानी का महत्व मनुष्य बहुत अच्छी तरह से जानता हैं। बचपन से व्यक्ति को यह सीखाया जाता है कि पानी सभी जीवों के लिए कितना आवश्यक है। जिसके बिना कोई भी जीव जीवित ही नहीं रह सकता। पानी का महत्व, उसका सदुपयोग करना भी व्यक्ति को बचपन से ही सिखाया जाता है। और बालपन में विद्यालय में कई बार पानी के महत्व व उसकी उपयोगिता पर हर व्यक्ति ने निबंध भी लिखे होंगे। किंतु क्या सिर्फ लिखने और पढ़ने से पानी की बचत और उसका संरक्षण हो पाएगा? इसका महत्व की विस्तृत रूप से चर्चा करने की शायद आवश्यकता नहीं है। सभी इस बात से अवगत हैं कि, 'बिन पानी प्रत्येक जीव का सूना है जीवन, जल अनमोल है जल है तो कल है, क्योंकि जल ही है जीवन।'

            मनुष्य पानी का महत्व समझते हुए भी यदि उसका अपव्यय करे तो वह पानी के संरक्षण और उसकी उपयोगिता के बारे में कभी समझ ही नहीं पाएगा। कई लोगों का यहां प्रश्न होता है कि हम कहां पानी का अपव्यय करते हैं? अरे भाई, तो क्या आप हम पानी पीना ही छोड़ दें? नहीं दोस्तों, व्यक्ति जाने-अनजाने में कई प्रकार से पानी का अपव्यय करते हैं। कुल्ला करते समय पानी की आवश्यकता नहीं है फिर भी हम नल खुला रख पानी को बहने देते हैं। गाड़ियां साफ करने के लिए पाइप से गाड़ियों पर पानी डालते हैं। जबकि बाल्टी में पानी लेकर भी गाड़ियों को साफ किया जा सकता है। घर के आंगन की साफ करने के लिए भी पाइप से अनावश्यक रूप से पानी को बहाते रहते हैं। साफ़-सफ़ाई आवश्यक है परंतु इसके लिए भी बाल्टी भर पानी का उपयोग किया जा सकता है। आजकल वॉटर हार्वेस्टिंग यह तकनीक काफी उपयोग में लाई जा रही हैै। पानी का अपव्यय रोकने के लिए उसका संरक्षण करने के लिए लोग घरों में वाटर हार्वेस्टिंग की तकनीक अपना रहे हैं यानी बरसात का पानी एकत्रित कर उसे अन्य कामों में उपयोग में लाना। कपड़े धोने के पश्चात बचे हुए पानी को पौधों में डालकर उपयोग में लाना, आदि प्रकार से व्यक्ति पानी का अपव्यय होने से रोक सकते हैं व उसे संरक्षित कर के आने वाली पीढ़ियों के लिए बचा कर रख सकते हैं। जिससे भविष्य में पानी की कमी ना हो और दिन-पर-दिन घटते जल स्तर को नियंत्रित किया जा सके। 

          जल सभी जीवों की जीवन रेखा होती है। मनुष्य, पशु-पक्षी, जलचर, पेड़-पौधे जल बिना किसी का भी अस्तित्व संभव नहीं है। मनुष्य को इसका महत्व भली-भांति समझना चाहिए क्योंकि इन सभी जीवो में सबसे बुद्धिमान मनुष्य जाति ही है। इसलिए जल का संरक्षण करें जल को प्रदूषित होने से बचाएं व जल को स्वच्छ व शुद्ध रखें ताकि पशु-पक्षी,जलचर और पेड़-पौधों को प्रदूषित जल से कोई नुकसान न पहुंचे। यह कर्तव्य सिर्फ और सिर्फ मनुष्यों का है क्योंकि कहीं ना कहीं प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से मनुष्य इन सभी पर भी अपनी जीविका निर्वाह करने के लिए आश्रित है।

दोस्तों, 
पानी क्या है?
जिसे हमारे दादाजी ने नदियों में देखा,
पिताजी ने कुएं में देखा,
हमने नलों में देखा,
अब हमारे बच्चे बोतलों में देख रहे हैं,
पर उनके बच्चे इसे कहां देखेंगे?
इसलिए आप सभी से अनुरोध है 
कि नई पीढ़ी के लिए पानी बचाइए।



8 comments:

  1. बढ़ती गर्मी में पानी के अपव्यय को बहुत ही अच्छा समझाया है। निश्चित ही यह लेख लोगों को पानी का सदुपयोग करना पुनः याद दिलाएगा।

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  4. बिल्कुल सत्य है भक्ति जल के बिना जग जल जाएगा

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  5. आप के द्वारा लिखित लेख अति सुंदर एवं शिक्षा प्रद है।
    सभी जीवों को इस बात पर विचार करना चाहिए । सभी जीवों को नहीं सिर्फ मनुष्य जाति को क्यों की मनुष्य बुद्धिजीवी होते हुए भी बुद्धिहीन है क्योंकि मनुष्य पानी पीने में कम उपयोग करता है और अन्य कामों में ज्यादा व्यर्थ। मनुष्य हर वस्तु पर अपना अधिकार समझता है जबकि अन्य जीव सिर्फ पानी पीने के लिए ही उपयोग​करते हैं क्योंकि कि भगवान ने उन्हें पानी का उतना ही उपयोग बताया है। जबकि मनुष्य ने अपनी बुद्धि चातुर्य से अपने विनाष का कारण ढुंड लिया है।

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  6. रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून। पानी गये न ऊबरे, मोती, मानुष, चून॥

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  7. ये इंसान कब समझेंगे पता नहीं Nice one nd drawing also very nice.

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