एक लोटा दूध
-सौ.
भक्ति
सौरभ खानवलकर
-कोलंबिया, साउथ कैरोलिना, यू. एस. ए.
-कोलंबिया, साउथ कैरोलिना, यू. एस. ए.
बहुत
समय पहले की बात है,
काफी
दिनों से बारिश ना होने की वजह
से एक गांव में सूखा पड़ गया
था। हर तरफ हाहाकार मच गया।
पानी की कमी के कारण लोगों को
काफी परेशानी का सामना करना
पड़ रहा था। गांव में केवल एक
ही आचार्य थे जो पढ़े-लिखे
थे। लोगों ने उनसे इस समस्या
के समाधान के लिए कोई उपाय
खोजने को कहा। आचार्य ने सूखे
को रोकने और गांव में बारिश
हो जाए इसके लिए बहुत सारे
प्रयास किए। लेकिन कोई भी
प्रयास सफल नहीं हुआ। गांव
में सूखे की समस्या पहले की
तरह ही बनी हुई थी। गांव के
लोगों के सामने सभी रास्ते
बंद हो चुके थे।
बहुत दुखी हो कर और हाथ जोड़कर सभी गांव वाले भगवान से प्रार्थना करने लगे। तभी वहां भगवान द्वारा भेजा गया एक दूत पहुंचा और उसने गांव के लोगों से उनकी परीक्षा लेते हुए कहा, "अगर आज रात सभी लोग गांव के कुएं में बिना झाके एक लोटा दूध डालेंगे तो कल से ही आपके गांव में सूखे की समस्या कम हो जाएगी और बारिश हो जाएगी।" गांव के लोग खुश हुए और सभी लोग एक लोटा दूध डालने के लिए तैयार हो गए। रात को जब गांव के सभी लोग कुएं में दूध डालने लगे तब गांव के एक कंजूस व्यक्ति ने सोचा कि गांव के सभी लोग उस कुएं में तो दूध डालेंगे ही, अगर अकेला वह कुएं में एक लोटा पानी डाल देगा तो रात के अंधेरे में किसी को पता नहीं चलेगा। यह सोचकर उसने कुएं में एक लोटा पानी डाल दिया।
बहुत दुखी हो कर और हाथ जोड़कर सभी गांव वाले भगवान से प्रार्थना करने लगे। तभी वहां भगवान द्वारा भेजा गया एक दूत पहुंचा और उसने गांव के लोगों से उनकी परीक्षा लेते हुए कहा, "अगर आज रात सभी लोग गांव के कुएं में बिना झाके एक लोटा दूध डालेंगे तो कल से ही आपके गांव में सूखे की समस्या कम हो जाएगी और बारिश हो जाएगी।" गांव के लोग खुश हुए और सभी लोग एक लोटा दूध डालने के लिए तैयार हो गए। रात को जब गांव के सभी लोग कुएं में दूध डालने लगे तब गांव के एक कंजूस व्यक्ति ने सोचा कि गांव के सभी लोग उस कुएं में तो दूध डालेंगे ही, अगर अकेला वह कुएं में एक लोटा पानी डाल देगा तो रात के अंधेरे में किसी को पता नहीं चलेगा। यह सोचकर उसने कुएं में एक लोटा पानी डाल दिया।
अगले
दिन लोगों ने बारिश का इंतजार
किया लेकिन अभी भी गांव में
सूखा पड़ा हुआ था और बारिश का
कोई नामोनिशान तक नहीं था।
सब कुछ पहले जैसा ही था। लोग
सोचने लगे की दूत की कही हुई
बात सत्य साबित क्यों नहीं
हुई?
इस
बात का पता लगाने के लिए सभी
उस कुएं की तरफ़ देखने के लिए
गए। उन्होंने कुएं में झांककर
देखा तो सभी हैरान रह गए। पूरा
कुआं केवल पानी से भरा हुआ था।
उसमें एक भी बूंद दूध की नहीं
थी। सभी ने एक दूसरे की ओर देखा
और तभी सब समझ गए कि सूखे की
समस्या अभी तक समाप्त क्यों
नहीं हुई। दोस्तों,
ऐसा
इसलिए हुआ था क्योंकि जो बात
उस कंजूस आदमी के दिमाग में
आई थी कि सभी लोग तो दूध डालेंगे
अगर वह एक लोटा पानी डाल देगा
तो रात के अंधेरे में किसी को
पता नहीं चलेगा,
यही
बात पूरे गांव वालों के दिमाग
में भी आई थी और सभी ने दूध की
जगह एक लोटा पानी कुएं में डाल
दिया।
शिक्षा- दोस्तों! जो कुछ इस कहानी में हुआ आजकल यह हम सब के जीवन में होना एक सामान्य बात है। हम कहते हैं कि हमारे अकेले के बदलने से क्या समाज बदल जाएगा? पर याद रखिए अपने काम की ज़िम्मेदारी दूसरों पर डाले बिना काम को ईमानदारी और मेहनत से कर हम अकेले ही समाज में बदलाव लाने के लिए सक्षम है। याद रखिए, बूंद-बूंद से ही सागर बनता है। हम बदलेंगे, तभी हमारा देश बदलेगा।
शिक्षा- दोस्तों! जो कुछ इस कहानी में हुआ आजकल यह हम सब के जीवन में होना एक सामान्य बात है। हम कहते हैं कि हमारे अकेले के बदलने से क्या समाज बदल जाएगा? पर याद रखिए अपने काम की ज़िम्मेदारी दूसरों पर डाले बिना काम को ईमानदारी और मेहनत से कर हम अकेले ही समाज में बदलाव लाने के लिए सक्षम है। याद रखिए, बूंद-बूंद से ही सागर बनता है। हम बदलेंगे, तभी हमारा देश बदलेगा।



