व्यर्थ
न जाने दो...
-सौ.
भक्ति
सौरभ खानवलकर
-कोलंबिया,
साउथ
कैरोलिना,
यू.एस.ए

स्वतंत्रता
दिवस यानी 15
अगस्त,
भारत
का राष्ट्रीय त्योहार। 15
अगस्त
1947
को
लगभग 200
वर्ष
के बाद हमारे भारत देश को
अंग्रेजों की गुलामी से आज़ादी
मिली थी। यह भारतीय इतिहास
का सर्वाधिक भाग्यशाली और
महत्वपूर्ण दिवस था जब हमारे
स्वतंत्रता सेनानियों ने
अपना सब कुछ न्योछावर कर भारत
के लिए आज़ादी हासिल की थी।
प्रतिवर्ष इस दिन हमारा तिरंगा
झंडा भारत के प्रधानमंत्री
द्वारा दिल्ली के लाल क़िले
पर फहराया जाता है तथा यहीं
से वे देशवासियों को संबोधित
करते हैं। राष्ट्रीय ध्वज को
21
तोपों
की सलामी के साथ उस पर हेलीकॉप्टर
से पुष्प वर्षा कर सम्मान दिया
जाता है तथा सभी के द्वारा
हमारा राष्ट्रगान गाया जाता
है। हमारे तिरंगे झंडे में
केसरिया रंग हिम्मत और बलिदान
को,
सफेद
रंग शांति और सच्चाई को और हरा
रंग विश्वास और शौर्य का प्रतीक
है। तिरंगे के मध्य में अशोक
चक्र है जिसमें 24
तीलिया
होती हैं। इस खास दिन देशवासी
भगत सिंह,
सुखदेव,
राजगुरु,
रानी
लक्ष्मी बाई,
चंद्रशेखर
आज़ाद,
सुभाष
चंद्र बोस,
गांधी
जी जैसे कई वीर स्वतंत्रता
सेनानियों के महान बलिदानों
को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
में उनके अविस्मरणीय योगदानओं
के लिए याद करते हैं। इस दिन
को ध्वजारोहण,
परेड
और सांस्कृतिक आयोजनों के
साथ पूरे भारतवर्ष में एक
उत्सव की तरह धूमधाम से मनाया
जाता है।
यदि
आज स्वतंत्र भारत में हम खुलकर
सांस ले रहे हैं तो इसके पीछे
कई लोगों का संघर्ष और बलिदान
है। इस स्वतंत्रता को संजो
कर रखना आने वाली पीढ़ी को एक
सुंदर भारत सौंपना आज भारत
के प्रत्येक नागरिक का यह
प्रथम कर्तव्य है। उन महान
स्वतंत्रता सेनानियों और
हमारे देश के जवानों के बलिदान
को व्यर्थ न जाने दो दोस्तों।
इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर
पर शहीद हुए उन वीरों को
श्रद्धांजलि स्वरूप ये कुछ
पंक्तियां एक सैनिक की ज़ुबानी
-
हर
वक्त,
हर
दिन
मैं
जीता
हूं
कई
उम्मीदों
से,
यदि
आज
हो
दुश्मन
से जंग,
तो
जीत
लूं
मैं
उसे
अपनी
बाजूओं
से।
नहीं
डरता
मैं
दुश्मन
के
किसी
भी
वार
से,
कभी
ना
थकूंगा,
कर
दूंगा
दुश्मन
का अंत अपनी
तलवार
से।
हम
कहते
हैं
क्या
सुनो,
इन
वीर
सपूतों
के
बहते
रक्त
को
तुम,
व्यर्थ
न
जाने
दो...
मैं
तो
खड़ा
देश
की
सीमा
पर,
सोचता
हूं
किस
लिए?
मेरे
देश
के
लोग
आपस
में
लड़
मरें,
क्या
इसलिए?
तुम
चैन
की
नींद
सो
सको
इसलिए
करता
हूं
अपना
जीवन
कुर्बान,
खुशी
से
मना
सको
सारे
तीज
त्यौहार
इसलिए
दे
देता
हूं
अपना
बलिदान।
हम
कहते
हैं
क्या
सुनो
इन
शूरवीरों
के
बलिदान
को
तुम
व्यर्थ
न
जाने
दो...
क्यों
करते
हो
जात-पात
पर
झगड़ा
और
भ्रष्टाचार,
है
बिनती
रहो
मिल
जुलकर
और
समाज
में
दिखाओ
शिष्टाचार।
तेरा,
मेरा,
इसका,
उसका
विवाद छोड़ यदि सब
मिलकर
बन
जाएं
सिर्फ
हिंदुस्तानी,
तो
इस
नए
भारत
के
निर्माण
के
लिए
हर
कोई
तैयार
है
देने
को
अपनी
कुर्बानी।
हम
कहते
हैं
क्या
सुनो,
इन
शहीदों
की
कुर्बानी
को
तुम
व्यर्थ
न
जाने
दो...
मातृभाषा
के साथ विविध भाषाओं का सम्मान
करो तुम,
देश
की खूबसूरत संस्कृति को संभाल
कर रखो तो तुम,
मातृभूमि
की
मिट्टी
का
तिलक
अपने
माथे
पर
लगाकर
सदैव
करो इस पर गर्व,
ताकि
हम
सब
भाईचारे
से
मिलकर
बना
सकें
भारतवर्ष
को
स्वर्ग।
हम
कहते
हैं
क्या
सुनो
इन
मातृभक्तों
के
सपनों
को
तुम,
व्यर्थ
न
जाने
दो....
हे
मातृभूमि!
तेरी
रक्षा
करते-करते
यदि
मैं
शहीद
भी
हो
जाऊं,
रहेगी
मन
में
बस
यही
इच्छा
हर
जन्म
मैं
सिर्फ
तेरे
ही
काम
आऊं।
कह
देना
राह
तकती
उन
निगाहों
से
इस
मिट्टी
में
कहीं
खो
गया
है
तुम्हारा
नंदन।
इन
देशभक्तों
की
पुकार
सुनने
के
लिए
सभी
भारतवासियों
का
वंदन।
हम
कहते
हैं
क्या
सुनो,
इन
मातृभूमि
के
रक्षकों
की
पुकार
को
तुम
व्यर्थ
न
जाने
दो...
जय
हिंद
वंदे
मातरम्
दोस्तों,
आज
रक्षाबंधन का पावन त्यौहार
भी है।
यूं
तो भाई-बहनों
के बीच स्नेह और कर्तव्य की
भूमिका किसी एक दिन की मोहताज
नहीं है। पर रक्षाबंधन के
ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
की वजह से ही यह दिन इतना
महत्वपूर्ण बना है। बरसों से
चला आ रहा यह त्यौहार आज भी
बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया
जाता है। हिन्दू श्रावण मास
की पूर्णिमा के दिन मनाया जाने
वाला यह त्योहार भाई का बहन
के प्रति स्नेह का प्रतीक है।
रक्षाबंधन पर बहनें भाइयों
की कलाई पर राखी बांधती हैं,
उनका
तिलक करती हैं और उनसे अपनी
रक्षा का संकल्प लेती हैं।
हालांकि रक्षाबंधन की व्यापकता
इससे भी कहीं ज्यादा है। भाई
की कलाई पर बहन के द्वारा बांधी
जाने के साथ-साथ
राखी देश की रक्षा,
पर्यावरण
की रक्षा,
हितों
की रक्षा आदि के लिए भी बांधी
जाने लगी है। रक्षाबंधन का
इतिहास हिंदू पौराणिक कथाओं
में पढ़ा जा सकता है। रक्षाबंधन
के पर्व में परस्पर एक-दूसरे
की रक्षा और सहयोग की भावना
निहित है। आज यह त्योहार हमारी
संस्कृति की पहचान है।
आप
सभी को स्वतंत्रता दिवस के
राष्ट्रीय पर्व व रक्षाबंधन
के त्यौहार की हार्दिक शुभकामनाएं।
Very nice Bhakti keep it up 👏👏👏👏
ReplyDeleteThank papa 🙂🙏
Delete🇮🇳👏👌 अति सुंदर, पहले से ज्यादा प्रखर आवाज, जैसी स्वतंत्रता दिवस पर होनी चाहिए।
ReplyDeleteThank you baba 🙂🙏
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