सफलता का फल
- सौ.
भक्ति
सौरभ खानवलकर
- कोलंबिया,
साउथ
केरोलिना,
यू.
एस.
ए.
सफलता
का स्वाद कौन नहीं चखना चाहता।
हर व्यक्ति अपने जीवन में
सफलता के शिखर को छूना चाहता
है। परंतु प्रश्न यह है की
सफलता पाने के लिए व्यक्ति
कितना प्रयत्न करता है?
यह
तो सभी ने सुना है जो बोओगे
वही काटोगे। यदि प्रयत्न सही
दिशा में सही तरह से किया जा
रहा है तो सफलता के उसी फल का
स्वाद चखने को मिलेगा जिसका
बीज बोया है। जिस तरह वृक्ष
लगाने के लिए उसका बीज बोने
से लेकर फलों से लदा वृक्ष
होने तक वक्त लगता है,
उसके
पीछे मेहनत लगती है,
उसी
प्रकार सफलता के मार्ग पर आने
वाली चुनौतियों व परिस्थितियों
से बिना हारे अपने चुने गए पथ
पर आगे बढ़ते रहना ही व्यक्ति
को सफलता की ओर ले जाता है।
यदि इस मार्ग में कहीं असफल
भी हुए तो बिना पीछे मुड़े
उतनी ही मेहनत के साथ आगे बढ़ते
रहना ही सफलता के लिए असली
प्रयत्न है।
सफलता
पाने के लिए व्यक्ति का एक
निर्धारित लक्ष्य तय होना
आवश्यक है। यदि व्यक्ति एक
लक्ष्य निश्चित कर उस पर विचार
कर आने वाली सकारात्मक व
नकारात्मक तथा सभी प्रकार की
परिस्थितियों का विश्लेषण
कर आगे बढ़े तो सफलता के द्वार
उसके लिए अपने आप ही खुलते चले
जाएंगे। मात्र विचार कर लेने
से किसी व्यक्ति को सफलता
प्राप्त नहीं होती कहते हैं
ना जो बरसते हैं वह कभी गरजते
नहीं। अर्थात् जो व्यक्ति
अपने जीवन में सफल और उच्च
स्थान पर होते हैं वह कभी भी
कुछ बोलते नहीं हैं केवल अपने
लक्ष्य को ध्यान में रख बस
अपना कर्म और मेहनत करते चले
जाते हैं। फिर चाहे इस मार्ग
में वह अकेले ही क्यों ना हो।
उन्हें कभी किसी से बाहरी
प्रोत्साहन की कोई आवश्यकता
नहीं होती।
जिंदगी
की राह में तू अकेला ही आया है
राही,
मंजिल
की खोज में तू आगे बढ़ते चले
जा अकेला तो अकेला ही सही,
डरकर
पीछे ना मुड़ना थककर कभी न
हारना,
राह
पर तुझे मिल ही जाएगी तेरी
मंजिल कहीं।
सफलता
पाने के मंत्र कई जगह सुने या
पढ़े होंगे। परंतु सबसे सरल
कुछ बातें हैं जिन्हें यदि
व्यक्ति अपने दैनिक आचरण में
अथवा दैनिक कार्यों में शामिल
करें तो वाकई ये बातें उसकी
सफलता के लिए सफलता मंत्र बन
सकती हैं। यदि किसी कार्य में
सफलता चाहिए या वाकई जीवन में
कुछ कर दिखाना है,
तो
यदि इसके लिए स्वयं की कुछ
आदतें या स्वयं को बदलना भी
पढ़ें,
तो
इस बात से कभी कतराना नहीं
चाहिए। सफलता का एक मूल मंत्र
है एक्सेप्टेंस अर्थात्
स्वीकार करना,
यदि
व्यक्ति दूसरों की बताई गई
बातें जो स्वयं के बारे में
है या स्वयं के हित में है को
स्वीकार कर उस पर आचरण करना
सीख जाए तो यह सफलता के मार्ग
में पहला कदम होगा। परंतु यह
स्मरण रहे कि सफलता का जुनून
अपने ऊपर इतना हावी ना होने
दें कि सफलता के मार्ग के अलावा
अपने आसपास कुछ नज़र ही ना आए।
अपनी व्यावसायिक एवं निजी
ज़िंदगी में सामंजस्य बनाकर
चलना सफलता के मार्ग पर दूसरा
कदम है। मैनेजमेंट,
जहां
मैनेजमेंट की बात आती है
दोस्तों,
सबसे
पहले हमें घड़ी नज़र आती है
अर्थात् ही हम टाइम मैनेजमेंट
के बारे में सोचना शुरू कर
देते हैं। पर यह बिल्कुल सही
बात है जिस तरह प्राकृतिक का
हर काम समय के अनुसार चलता है
उसी प्रकार व्यक्ति को समय
के अनुसार अपने सारे कार्य
करने चाहिए। यदि मनुष्य समय
की कीमत नहीं करेगा तो समय भी
उसकी कभी कीमत नहीं करेगा।
यह मुख्य बातें जो सफल जीवन
जीने के लिए प्रत्येक व्यक्ति
के लिए आवश्यक हैं। आशा है
प्रमुख बातों को ध्यान में
रखकर आप सफलता की ओर सदैव अग्रसर
रहेंगे।
किसी
ने खूब कहा है-
रख
हौसला वह मंजर भी आएगा,
प्यासे
के पास चलकर समंदर भी आएगा,
थक
कर ना बैठ ए मंजिल के मुसाफिर,
मंजिल
भी मिलेगी और मिलने का मज़ा
भी आएगा।
Excellent Bhakti 👍👌👏👏👏👏
ReplyDeleteThank you Papa 🙂🙏
ReplyDelete👍👍👏👏👌✌ अती सुंदर ह्या पुर्वी तुझे लेख वाचण्यात मजा व आनंद येत होता पण अता ऐकण्यात खुप च छान वाटले.अगदि शुद्ध व धारा प्रवाह.अशीच पुढे वाढत रहा.
ReplyDeleteThank you Baba 🙂🙏
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