व्यर्थ ना जाने दो
- सौ. भक्ति सौरभ खानवलकर
पुलवामा हमले में शहीद हुए हमारे वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि स्वरुप यह कुछ पंक्तियां एक सैनिक की ज़ुबानी -
हर वक्त, हर दिन मैं जीता हूं कई उम्मीदों से,
यदि आज हो कोई जंग,
तो जीत लूं मैं उसे अपनी बाजूओं से।
नहीं डरता मैं दुश्मन के किसी भी वार से,
कभी ना थकूंगा,
कर दूंगा खात्मा दुश्मन का अपनी तलवार से।
हम कहते हैं क्या, सुनो
इन वीर सपूतों के बहते रक्त को तुम,
व्यर्थ न जाने दो....
मैं तो खड़ा देश की सीमा पर, सोचता हूं किस लिए??
मेरे देश के लोग आपस में लड़ मरें, क्या इसलिए??
तुम चैन की नींद सो सको इसलिए करता हूं अपना जीवन कुर्बान,
खुशी से मना सको सारे तीज त्यौहार इसलिए
दे देता हूं अपना बलिदान।
हम कहते हैं क्या सुनो
इन शूरवीरों के बलिदान को तुम,
व्यर्थ न जाने दो....
क्यों करते हो जात-पात पर झगड़ा और भ्रष्टाचार,
है बिनती रहो मिल जुलकर और समाज में दिखाओ शिष्टाचार।
मातृभूमि की मिट्टी का तिलक अपने माथे पर लगाकर करता हूं मैं गर्व,
ताकि तुम सब भाईचारे से मिलकर बना सको भारतवर्ष को स्वर्ग।
हम कहते हैं क्या सुनो
इन मातृभक्त के सपनों को तुम,
व्यर्थ न जाने दो....
राजगद्दी पर बैठा वह कर रहा है इस देश की चौकीदारी ,
अब तो तुम्हारी कोई खैर नहीं है अरे ओ सुन लो आतंकवादी।
यदि एक घटना से जाट, मराठा, राजपूत सब मिलकर बन जाते हैं हिंदुस्तानी,
तो इस नए भारत के निर्माण के लिए हर कोई तैयार है देने अपनी कुर्बानी।
हम कहते हैं क्या सुनो,
इन शहीदों की कुर्बानी को तुम
व्यर्थ न जाने दो.......
हे मातृभूमि! तेरी रक्षा करते-करते यदि मैं शहीद भी हो जाऊं,
रहेगी मन में बस यही इच्छा हर जन्म मैं सिर्फ तेरे ही काम आऊं।
कह देना राह तकती उन निगाहों से
इस मिट्टी में कहीं खो गया है तुम्हारा नंदन।
इन देशभक्तों की पुकार सुनने के लिए सभी भारतवासियों का अभिनंदन।
हम कहते हैं क्या सुनो,
इन मातृभूमि के रक्षकों की पुकार को तुम
व्यर्थ न जाने दो.....
जय हिंद .....
वंदे मातरम् .....
हर वक्त, हर दिन मैं जीता हूं कई उम्मीदों से,
यदि आज हो कोई जंग,
तो जीत लूं मैं उसे अपनी बाजूओं से।
नहीं डरता मैं दुश्मन के किसी भी वार से,
कभी ना थकूंगा,
कर दूंगा खात्मा दुश्मन का अपनी तलवार से।
हम कहते हैं क्या, सुनो
इन वीर सपूतों के बहते रक्त को तुम,
व्यर्थ न जाने दो....
मैं तो खड़ा देश की सीमा पर, सोचता हूं किस लिए??
मेरे देश के लोग आपस में लड़ मरें, क्या इसलिए??
तुम चैन की नींद सो सको इसलिए करता हूं अपना जीवन कुर्बान,
खुशी से मना सको सारे तीज त्यौहार इसलिए
दे देता हूं अपना बलिदान।
हम कहते हैं क्या सुनो
इन शूरवीरों के बलिदान को तुम,
व्यर्थ न जाने दो....
क्यों करते हो जात-पात पर झगड़ा और भ्रष्टाचार,
है बिनती रहो मिल जुलकर और समाज में दिखाओ शिष्टाचार।
मातृभूमि की मिट्टी का तिलक अपने माथे पर लगाकर करता हूं मैं गर्व,
ताकि तुम सब भाईचारे से मिलकर बना सको भारतवर्ष को स्वर्ग।
हम कहते हैं क्या सुनो
इन मातृभक्त के सपनों को तुम,
व्यर्थ न जाने दो....
राजगद्दी पर बैठा वह कर रहा है इस देश की चौकीदारी ,
अब तो तुम्हारी कोई खैर नहीं है अरे ओ सुन लो आतंकवादी।
यदि एक घटना से जाट, मराठा, राजपूत सब मिलकर बन जाते हैं हिंदुस्तानी,
तो इस नए भारत के निर्माण के लिए हर कोई तैयार है देने अपनी कुर्बानी।
हम कहते हैं क्या सुनो,
इन शहीदों की कुर्बानी को तुम
व्यर्थ न जाने दो.......
हे मातृभूमि! तेरी रक्षा करते-करते यदि मैं शहीद भी हो जाऊं,
रहेगी मन में बस यही इच्छा हर जन्म मैं सिर्फ तेरे ही काम आऊं।
कह देना राह तकती उन निगाहों से
इस मिट्टी में कहीं खो गया है तुम्हारा नंदन।
इन देशभक्तों की पुकार सुनने के लिए सभी भारतवासियों का अभिनंदन।
हम कहते हैं क्या सुनो,
इन मातृभूमि के रक्षकों की पुकार को तुम
व्यर्थ न जाने दो.....
जय हिंद .....
वंदे मातरम् .....

दिल को छू लेने वाली पंक्तियां।
ReplyDeleteराष्ट्र वह धागा है जो सभी भारत वासियों को एक सूत्र में पिरोए हुए है। इस धागे को और मजबूती देता है हमारे देश का सैनिक।
गर्व है हमें भारतीय होने पर और हमारे वीर सैनिकों पर।
उत्कृष्ट अभिव्यक्ति। खूपच छान।
Khub chhan bhakti....keep it up..👌👍
ReplyDeleteVery nice ....
ReplyDeleteवाह बोहत खूब
ReplyDeleteजय हिंद जय हिंद की सेना
वंदे मातरम्
वाह बोहत खूब
ReplyDeleteजय हिंद जय हिंद की सेना
वंदे मातरम्
Congrats Bhakti. Heart touching lines. I really appreciate your attempt. 8
ReplyDeleteउत्तम अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteएक नये लेखक तथा कवि का उदय हो रहा है।उत्तम भविष्य के लिये अनेको शुभकामनाएं।
Dil ko chhu lene wali lines, Bahut acha likha Hai Bhakti
ReplyDeleteBahut badhiya Bhakti.Being patriotic.
ReplyDelete-Monika
खुप छान अगदी मर्म स्पर्शी कविता आहे,अशीच प्रगती करून पुढे तरक्की करत रहा.आमचा आशीर्वाद तुमच्या बरोबर आहे.
ReplyDeleteखूप छान कविता.
ReplyDeleteखुबछान कविता आहे । देशप्रेम नी भरली आहे शाबाश ।आजीला पण आवडली ।शाबाश । जयहिन्द,वन्दे मातरम ।👌👌👍💐
ReplyDeleteWow...Bhakti
ReplyDeleteNicely written
Keep it up...👍
Nice... Keep it up...
ReplyDeleteThank you so much everyone 😃🙏
ReplyDeleteWe'll written. Bhakti ! Jai Hind !
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