सोशल मीडिया
- सौ. भक्ति सौरभ खानवलकर
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चेहरे पर फेसबुक सी रौनक है,
दिल व्हाट्सएप हुआ जा रहा है,
देखिए तो, समाज से कटकर भी
इंसान सोशल हुआ जा रहा है।
दोस्तों! ऊपर लिखी गई इन चार पंक्तियों से आप यह तो समझ ही गए होंगे कि आज इस आर्टिकल में मैं किस विषय पर बात करने वाली हूं। आज मैं बात करूंगी 'सोशल मीडिया' पर। वैसे तो ये बहुत ही विस्तृत विषय है लेकिन इस आर्टिकल में मैं सोशल मीडिया के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानकारी दूंगी। जिस सोशल मीडिया के माध्यम से लोग अपने जीवन में होने वाली हर घटना को दुनिया को दिखाना चाहते हैं। इसके क्या फायदे हैं और क्या नुकसान ये जाने बिना लोग फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम आदि सोशल नेटवर्किंग साइट्स का धड़ल्ले से ज़रूरत से ज्यादा उपयोग करते हैं। जिस तरह एक सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी तरह हर बात के, हर वस्तु के दो पहलू होते हैं। जिसे हम नकारात्मक पहलू व सकारात्मक पहलू कहते हैं। सोशल मीडिया के भी यही दो महत्वपूर्ण पहलू है। आइए सबसे पहले जानते हैं इसका नकारात्मक पहलू।
दोस्तों! इस विषय पर विस्तार पूर्ण बात करने से पहले मैं आपसे कुछ प्रश्न पूछना चाहती हूं। तो मेरा पहला प्रश्न है कि आप में से कितने लोग फेसबुक का उपयोग करते हैं? अब आप सोचेंगे कि ये कैसा सवाल है? हां मुझे पता है लगभग सभी लोग फेसबुक का उपयोग करते हैं। अब मेरा दूसरा सवाल है कि आपके कितने फेसबुक फ्रेंड्स है? तो आप में से कुछ का जवाब होगा 300-400, कुछ का जवाब 700-800 और कुछ का जवाब 4000 या 5000 भी हो सकता है। अब तीसरा सवाल ये है कि आप इनमें से कितने लोगों को फेस टू फेस पहचानते हैं या उनसे मिले हैं। लेकिन अब आप सभी का जवाब होगा लगभग 100 या 200!! ज़रा सोचिए इतने सारे फेसबुक फ्रेंड्स है और आप केवल 100-200 को ही जानते हैं। अब आप यह भी सोच रहे होंगे कि मैं आपसे इतने सारे सवाल क्यों पूछ रही हूं? इसका जवाब ये है कि मैंने किसी आर्टिकल में पढ़ा था कि हर 5 में से एक आदमी के पीछे एक क्रिमिनल माइंड सेट होता है। आज के समय में आपके करीबी लोगो पर भी विश्वास करना कठिन हो गया है और हम बगैर सोचे समझे किसी की भी फ्रेंड रिक्वेस्ट को आसानी से एक्सेप्ट कर लेते हैं। आर्टिकल में आगे मैंने पढ़ा था कि क्रिमिनल लोग अपनी फास्ट चेन से आप की डाली गई पर्सनल इनफॉरमेशन से किसी भी तरह के डाक्यूमेंट्स तैयार कर लेते हैं और कभी भी किसी भी तरह से घटना को अंजाम दे सकते हैं। आपके द्वारा डाली गई आपकी फोटोग्राफ्स का भी गलत तरीके से उपयोग किया जा सकता है। हम ऐसी अपेक्षा में अपनी फोटोग्राफ्स या अपनी बातों को इन सोशल नेटवर्किंग साइट पर पोस्ट करते हैं कि हमें लाइक्स मिले और कुछ दो चार अच्छे कमेंट्स मिल जाए। क्या हमारे अपने घर के लोग प्रशंसा नहीं करते? ये चंद बेमतलब की बातों के लिए हमें दूसरों पर निर्भर रहने की ज़रूरत क्यों पड़ती है? हमारी आदतें पसंद-नापसंद धीरे-धीरे पता नहीं किस ओर बढ़ते जा रहे हैं जिस पर अब नियंत्रण रख पाना मुश्किल हो गया है। फेसबुक व्हाट्सएप इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई सेल्फी, चेक-इन वह भी प्रॉपर टाइम बता कर डालना यानी कि चोर लुटेरों को अलर्ट करने जैसा है। वाकई कई लोग दिन रात केवल अपने फोन में ही बिजी रहते हैं। फिजिकली वह अपने घर, परिवार, समाज में तो मौजूद रहते हैं पर मेंटली पूरी तरह से इन सोशल नेटवर्किंग साइट्स को ऑपरेट करने में लगे रहते हैं। ज़रा सी फोन की घंटी बजी नहीं कि फट से फोन उठा कर देखा किसका मैसेज है, क्या मैसेज है, किसने अपनी कौन सी फोटो या अपना क्या स्टेटस अपडेट किया है। ऐसे ही कुछ सोशल नेटवर्किंग साइट्स की वजह से लोगों के रिश्तो में कड़वाहट आने लगती है पत्नी-पति जैसा पवित्र रिश्ता भी टूटने की कगार पर आ पहुंचता है। लगातार सोशल मीडिया के ज्यादा उपयोग के कारण साइबर क्राइम रेट बढ़ता दिखाई पड़ता है। यह सभी नेटवर्किंग साइट्स का कई लोग ज़रूरत से ज्यादा उपयोग करते है कि मानो उन्हें यह एक प्रकार की लत लग गई हो। इसी प्रकार की लत हमें फिजिकली और मेंटली दोनों ही प्रकार से अस्वस्थ बनाती जा रही है।
दोस्तों! अब हम यदि सोशल मीडिया के सकारात्मक पहलू की बात करें तो कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी चंद सेकंड में एक जगह से दूसरी जगह पर विश्व में कभी भी और कहीं भी भेजी जा सकतीे हैं। इससे विश्व में कहीं भी रहने वाले लोग अपने लोगों के साथ आसानी से बातचीत कर सकते है। यानी हर कोई व्यक्ति अपने करीबी लोग, सभी रिश्तेदार और अपने दोस्तों के साथ हमेशा संपर्क में रह सकता है। सोशल मीडिया के माध्यम से किसी भी विषय पर किसी भी चीज़ की जानकारी आसानी से प्राप्त होती है। जिसे पढ़कर कोई भी अपने ज्ञान को बढ़ा सकता है और व्यक्तित्व में भी निखार ला सकता है। ये इंफॉर्मेशन नई रिसर्च और डेवलपमेंट में भी उपयोगी होती है। सोशल मीडिया कई लोगों के कमाई का भी एक ज़रिया होता है। इसे उपयोग करके कई लोग ऑनलाइन बिज़नेस करते हैं। लोग अपनी कला तथा अपने विचारों को पूरी दुनिया के सामने इसके माध्यम से बहुत ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत कर सकते हैं। जब तक सकारात्मक पहलू पर या किसी भी वस्तु की पॉजिटिविटी को देखते हुए यदि उसका सही उपयोग किया जाए तो वह सभी के जीवन में में बहुत ही लाभकारी सिद्ध होगी। सोशल मीडिया का उपयोग अवश्य करें किंतु वह लोगों को प्रभावित करने के लिए नहीं उन पर अपना प्रभाव डालने के लिए। क्योंकि किसी भी बात का या वस्तु का हद से ज्यादा उपयोग आगे जाकर सिर्फ नुकसान ही करता है। इसी तरह से यह एक वरदान भी है और अभिशाप भी। दोस्तों! हमारी खुद की और अपने परिवार की सुरक्षा खुद हमारे हाथों में है। अपना तथा अपनों का ध्यान रखिए, हमेशा स्वस्थ रहिए व सुरक्षित रहिए।

Very nice 😎👍
ReplyDeleteThankyou dear😊🙏
Deleteबोहत अच्छे भक्ति - इस लेख में सोशल मीडिया का उपयोग कैसे करना चाहिये यह उदहारण के साथ अत्यंत सुंदर तरीके से समझाया गया है
ReplyDeleteशाबास ऎसे ही अच्छा लिखान सतत जारी रखे यह शुभकामना
धन्यवाद बाबा😊🙏
DeleteShaishav...
ReplyDeleteVery true said Bhakti, when these social aaps are being used they ask permission for - Allow this aap to share your personal info. OR allow this aap to trace your LOCATION, so that time only we have to decide weather it is ok or not to do so...Some aaps like Railways need location trace.
But ultimately recalling of these type of awareness is helpful for all of us....Keep it up, Very Nice.
Thankyou bhaiya 😊
Deleteबहुत खूब सही जा रही हो
ReplyDeleteबधाई
धन्यवाद काका😊🙏
Deleteखानवलकर
ReplyDeleteनागपुर
Awesome article, very well drafted and so true, specially highlighting both the positive and negative angle, and I also loved the last lines :)
ReplyDeleteBest wishes and good luck Bhakti, looking forward for more articles
Above comment from Mukta Chimnani
DeleteThanjTha Mukta😊
DeleteNICE ONE.AN EYE OPENER TO ADDICTED PERSONS.
ReplyDeleteThankyou Mavshi😊🙏
Deleteसौ,साधना खानवलकर
ReplyDeleteशाबास भक्ति खुब छान
तुला खुब खुब आशीर्वाद
धन्यवाद आई 😊🙏
DeleteSanjay khanwalkar
ReplyDeleteउपरोक्त लेख सत्य तो है मगर आज के युवा के मन पर छाप छोड़नेमें अभी वक्त लगेगा क्योंकि आज का युवा अपना अमूल्य समय अपने और देश हित में लगाने के बजाय सोशल मीडिया पर उपस्थित रहने में ही अपनी महानता समझता है जब तक स्वयं पर नही बितती उसे ये सिर्फ स्टोरी लगती हैं। क्यों की सोशल मीडिया का काला चश्मा इतनी आसानी से युवाओं के आंखो से नहीं उतरने वाला, वैसे भी बिना कष्टों के मिला हुआ ज्ञान काम नहीं आता।
उपर मैंनेअपने विचार व्यक्त किए हैं। आप ने युवाओं को जो समझाने की कोशिश की है वह वाकई में सराहनीय है। ऐसे ही सृजनात्मक विचार लिख कर समाज और राष्ट्र का पथ प्रदर्शन करें।
ReplyDeleteधन्यवाद बाबा 😊🙏
Deleteउपर मैंनेअपने विचार व्यक्त किए हैं। आप ने युवाओं को जो समझाने की कोशिश की है वह वाकई में सराहनीय है। ऐसे ही सृजनात्मक विचार लिख कर समाज और राष्ट्र का पथ प्रदर्शन करें।
ReplyDeleteलेख खूब छान लिहला आहे ।अशेच चागले विषय शोधून युवा वर्गच मार्गदर्शन करायचा तुझा हा प्रयत्न चालू राहूदे ।खुब छान , मला तुझा वर खूब गर्व आहे ।
ReplyDeleteधन्यवाद आई 😊🙏
Deleteबहुत ही बढ़िया।ऐसे ही समाज की विभिन्न समस्याओं/कुरीतियों पर अपने उत्तम विचारों से मार्गदर्शन करती रहो।
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनाएं।
धन्यवाद मामा😊🙏
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